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12 साल से पेड़ को भाई मानकर राखी बांध रही 15 साल की कल्‍पना, तीन साल की उम्र से कर रही रक्षा

Raksha Bandhan रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधकर उसकी सलामती की दुआ तो हर बहन ने की। लेकिन मनाली में एक लड़की ऐसी भी है जो पेड़ को राखी बांधकर उसका रक्षा कवच बनी हुई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 02:55 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 02:55 PM (IST)
12 साल से पेड़ को भाई मानकर राखी बांध रही 15 साल की कल्‍पना, तीन साल की उम्र से कर रही रक्षा
12 साल से पेड़ को भाई मानकर राखी बांध रही 15 साल की कल्‍पना, तीन साल की उम्र से कर रही रक्षा

मनाली, जेएनएन। रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधकर उसकी सलामती की दुआ तो हर बहन ने की। लेकिन मनाली में एक लड़की ऐसी भी है, जो 12 साल से पेड़ को राखी बांधकर उसका रक्षा कवच बनी हुई है। मनाली की कल्पना ठाकुर ने आज 12वीं बार पेड़ को राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व मनाया। 15 साल की कल्पना ठाकुर ने तीन साल की उम्र में पेड़ को राखी बांध भाई बनाकर दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का सराहनीय संदेश दिया था। 15 वर्षीय कल्पना अपने पिता राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किशन ठाकुर के नक्शे कदम पर चल रही हैं। कल्पना अपने पिता किशन के साथ रहकर तीन साल से पेड़ पौधों के महत्व को समझने लगी थी। तब से पौधे लगाकर उनके संरक्षण का समाज को संदेश दे रही हैं।

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आज भी कल्पना ने रक्षाबंधन पर्व पर पेड़ को राखी बांधी व अपने पिता किशन के साथ मिलकर अलेउ के जंगल मे पांच देवदार के पेड़ लगाए। 15 साल की कल्पना ने आज 15 पौधे लगाने व उनके संरक्षण की शपथ भी ली। साथ ही लोगों को जागरूक करने की बात कही। कल्पना हर साल उस पेड़ को रक्षाबंधन पर राखी बांधती है जिसे उसने 12 साल पहले भाई बनाया था।

कल्‍पना सेना में शामिल होकर करेगी देश सेवा

कल्पना ने कहा लोग अधिक से अधिक पेड़ लगाने को आगे आएं। वन विभाग द्वारा चिन्हित स्थान बाड़बंदी के बाद ही पौधे लगाएं, ताकि इनका संरक्षण भी आसानी से हो सके। कल्पना ने कहा उनका कोई भाई नहीं है। पिता की मदद से तीन साल से पेड़ को भाई मानना शुरू किया। कल्पना का कहना है कि वह पढ़ाई पूरी कर भारतीय सेना में जाना चाहती हैं और देश सेवा करना चाहती हैं।

कई संस्‍थाएं कर चुकी हैं सम्‍मानित

कल्पना को पर्यावरण एवं वन्य प्राणी सुरक्षा समिति सहित मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्री सहित ठाकुर वेदराम मैमोरियल सोसायटी, हिम उत्कर्ष साहित्य अकादमी, सुर संगम कला अकादमी, भुटि्टको कुल्लू  सम्मानित कर चुके हैं। कल्पना के पिता किशन लाल का कहना है उनकी बेटी को बचपन से ही पेड़ पौधों से काफी लगाव है और वह उनके साथ मिलकर हर काम करती है।


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