अंतत: नूरपुर को मिल गया मंत्रिपद का नूर
-समय-समय पर सरकार की ढाल बने राकेश पठानिया को मिला पारितोषिक -दो दशक के बाद मिला हल
दिनेश कटोच, धर्मशाला
लंबे समय से मंत्रिपद के तलबगार और दावेदार राकेश पठानिया अंतत: मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए। जाहिर है, यह कांगड़ा और विशेषत: नूरपुर हलके के लिए बड़ा सम्मान है।
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक व मंत्री रहे स्वर्गीय सत महाजन फील्ड मार्शल कहलाए जाते थे। राकेश पठानिया ने जब राजनीति का रुख किया तो उन्होंने भी कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। मंत्रिमंडल में उनका शामिल होना 1991 से लिखी जा रही उनकी राजनीतिक संघर्ष गाथा में नया पड़ाव है।
1998 के आम विधानसभा चुनाव में राकेश पठानिया ने नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर पहली बार भगवा लहराया। वह उस समय पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष भी रहे । 2003 में वह वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्व. सत महाजन से चुनाव हार गए। 2007 में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया लेकिन निष्ठावान कार्यकर्ताओं के आग्रह पर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा व जीत हासिल की। भाजपा में वापसी के बाद वह 2017 में एक बार फिर से नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए।
राजनीति जानने वाले जानते हैं कि सदन के बाहर और सदन के अंदर किस प्रकार वह मुख्यमंत्री और सरकार की ढाल बनते आए हैं। जन सरोकारों के मुद्दे हों, कोरोना काल में अपने क्षेत्र की जनता को सुविधाएं देने की बात हो, या उपचुनाव हों, राकेश पठानिया मजबूती के साथ अपनी भूमिका निभाते आए हैं। विपक्ष के सामने खुलकर और तथ्यों पर बहस करते हुए उन्हें अक्सर देखा गया है। जो भूमिका वह विधायक के तौर पर निभाते थे, अब दुगनी ताकत के साथ मंत्रिमंडल में भी निभाएंगे और क्षेत्र एवं प्रदेश की उन्नति के वाहक बनेंगे, ऐसी आशा क्षेत्र के लोगों ने व्यक्त की है।
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अजय महाजन ने दी बधाई
राकेश पठानिया को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर हमे खुशी है। राकेश पठानिया नूरपुर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि बतौर केबिनेट मंत्री पूरे प्रदेश का समग्र विकास भी करवाएं। जहां उन्हें हमारी जरूरत पड़ेगी कांग्रेस उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होगी।
-अजय महाजन, जिला अध्यक्ष कांगड़ा कांग्रेस कमेटी कांगड़ा।