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हमारे आलू की कीमत पांच रुपये और हमें ही बीज 60 रुपये में, राकेश चौधरी ने जताई नाराजगी

कांगड़ा घाटी के कई इलाकों में इस बार किसानों को गेहूं बीजने के लिए खाद नहीं मिली है। ऐसे में कई किसानों ने बिना खाद के गेहूं बीज दी है जबकि कई किसानों ने बिजाई की ही नहीं है।

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 12:26 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 12:26 PM (IST)
हमारे आलू की कीमत पांच रुपये और हमें ही बीज 60 रुपये में, राकेश चौधरी ने जताई नाराजगी
प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह किसानों की समस्याओं का समाधान करे।

धर्मशाला, जेएनएन। कांगड़ा घाटी के कई इलाकों में इस बार कई किसानों को गेहूं बीजने के लिए खाद नहीं मिली है। ऐसे में कई किसानों ने बिना खाद के गेहूं बीज दी है, जबकि कई किसानों ने बिजाई की ही नहीं है। यह समस्या कांगड़ा घाटी के अलावा चंबा, ऊना, हमीरपुर आदि जिलों से भी आई है। कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला से सटे कई गांवों में भी यह समस्या आई है। पास्सू गांव के किसानों ने बताया कि उन्हें खाद नहीं मिली है। इसके अलावा आलू का बीज भी 60 रुपये किलो बिक रहा है। किसानों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। पास्सू गांव में बडे स्तर पर खेती की जाती है।

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ऐसे में उन्होंने समाजसेवी राकेश चौधरी के समक्ष अपनी समस्या रखी। खुद पेशे से किसान राकेश चौधरी ने कहा कि अभी आलू का बीज 60 रुपये किलो बिक रहा है। जब आलू तैयार हो जाता है,तो यह चार पांच रुपये किलो बिकता है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह किसानों की इन समस्याओं का समाधान करें। राकेश चौधरी पेशे से खुद किसान हैं तथा धर्मशाला में हुए उपचुनाव में उन्होंने जनहित के मसलों को उठाकर भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों को कड़ी टक्कर दी थी। कृषि विभाग और प्रदेश सरकार को चाहिए कि वे किसानों की इन समस्याओं का समाधान करें। सरकार और महकमे न सुनी तो आने वाले दिनों में किसानों का रोष और बढ़ सकता है।


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