पसीने की मेहनत पर बारिश के छींटे, लगातार बरस रहे मेघों से किसान हुए चिंतित Kangra News
उपमंडल नूरपुर के किसानों की पसीने से सींची गई गेहूं की फसल पर लगातार हो रही बारिश आफत बन बरस रही है।
जसूर, अश्वनी शर्मा। उपमंडल नूरपुर के किसानों की पसीने से सींची गई गेहूं की फसल पर लगातार हो रही बारिश आफत बन बरस रही है। कोरोना महामारी के कारण पहले ही किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। ऐसे में बारिश ने उनकी फसल बर्बाद हुई तो उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। एक सप्ताह से नूरपुर के विभिन्न क्षेत्रों में फसल कटाई का काम चला हुआ है, लेकिन बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेर रही है।
बीते सप्ताह हुई ओलावृष्टि ने करीब पांच पंचायतों के कई गांवों के किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। इससे करीब 80 फीसद गेहूं ओलों के कारण खेत में ही झड़ गई थी। संबंधित विभागों ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान की आकलन रिपोर्ट सरकार को भेजी है।
किसानों की मानें तो अभी भी आधे से ज्यादा फसल खेत में पड़ी है। यही हालात रहे तो किसानों को अनाज के साथ पशुचारे के भी लाले पड़ जाएंगे। किसानों ने सरकार से मांग की है कि इन हालात में किसानों का ध्यान रखकर राहत पैकेज जारी किया जाए।
- प्राकृतिक आपदा या मौसम की मार हर साल किसानों को झेलनी पड़ती है। बारिश व ओलावृष्टि के कारण 80 फीसद गेहूं की फसल झड़ गई थी जो कुछ बची है उसे भी बिगड़ा मौसम काटने नहीं दे रहा। -राजन शर्मा, किसान कमनाला पंचायत।
- बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। दो साल पहले रिट में 400 कनाल भूमि पर धान की फसल समेत उपजाऊ भूमि छोंछ खड्ड की बाढ़ में बह गई थी लेकिन आज तक राहत किसानों को नहीं मिल पाई। -सुरेश पठानिया, किसान रिट पंचायत।
- क्षेत्र में बार-बार हो रही बारिश से गेहूं की तैयार फसल पर संकट के बादल बरस रहे हैं। इससे किसानों को अनाज के साथ पशुचारे के भी लाले पडऩे का खतरा मंडरा रहा है। बारिश के कारण फसल इकट्ठा करना मुश्किल हो गया है। -तरसेम मिन्हास, किसान बदूही पंचायत।
- कफ्र्यू के कारण किसानों के पास आमदन का जरिया फसल ही है। बारिश से उनका काफी नुकसान हो रहा है। सालभर की मेहनत पर बिगड़े मौसम ने आतंक मचाया हुआ है। सरकार को किसानों को राहत देनी चाहिए। -सरदार सिंह पठानिया, किसान कंडवाल।