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हॉस्टल में रहने वाली युवतियों के वोट बनाने पर उठे सवाल

तीन चरणों में ग्रामीण संसद के लिए होने वाले चुनाव के लिए हॉस्टल में रहने वाली युवतियों को भी धर्मशाला ब्लॉक की टंग नरवाणा पंचायत का वोटर बना दिया गया है। इस संबंध में अब टंग नरवाणा के युवाओं ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

By Vijay BhushanEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 05:24 PM (IST)
हॉस्टल में रहने वाली युवतियों के वोट बनाने पर उठे सवाल
पंचायत चुनाव का प्रतीकात्मक फोटो। जागरण आर्काइव

धर्मशाला, जेएनएन : तीन चरणों में ग्रामीण संसद के लिए होने वाले चुनाव के लिए हॉस्टल में रहने वाली युवतियों को भी धर्मशाला ब्लॉक की टंग नरवाणा पंचायत का वोटर बना दिया गया है। इस संबंध में अब टंग नरवाणा के युवाओं ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कि आखिर इन युवतियों के यहां वोट कैसे बन गए जबकि हॉस्टल तो पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है। पंचायत से ही विभिन्न पदों से चुनाव लडऩे जा रहे इन युवाओं को भी तब इस संबंध में जानकारी मिली जब वे अपने पक्ष में प्रचार के दौरान मतदाता सूची में दिए गए पते पर पहुंचे। टंग नरवाणा पंचायत के युवाओं में सतीश कुमार, नीरज, सुरजीत कुमार सहित अन्य ने सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला पंचायत अधिकारी कांगड़ा को शिकायत सौंपते हुए इन वोटों को सूची से हटाने की मांग उठाई है।

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उन्होंने बताया कि ऐसे करीब 165 वोट बने हैं। युवाओं ने बताया कि वोटर लिस्ट के मुताबिक पंचायत के करीब 1389 वोट बने हैं। इनमें वार्ड एक में 179, वार्ड दो में 445 जिसमें 65 उपरोक्त निजी कालेज की छात्राओं के ही हैं। वार्ड नंबर तीन में 359, वार्ड 4 में 262 जबकि वार्ड पांच में 144 वोटर हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन वोटरों के नाम नहीं हटाए गए तो वह चुनाव का विरोध करेंगे और इसके लिए प्रशासन जिम्मेवार होगा।

उधर, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला पंचायत अधिकारी कांगड़ा अश्वनी शर्मा के मुताबिक टंग नरवाणा पंचायत के युवाओं की शिकायत आई है कि एक साल से बंद पड़े हास्टल में रहने वाली युवतियों के वोट बने हैं। उनके मुताबिक विधानसभा व लोकसभा की मतदाता सूचियों से ही पंचायती राज चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनती हैं। हालांकि यदि कोई व्यक्ति पिछले कुछ समय नहीं रह रहा या उसकी मौत हो गई हो ऐसे पंचायत स्तर पर सचिव के माध्यम से काटे जाने चाहिए थे। इसके बाद बीडीओ स्तर पर भी आपत्ति हो सकती है। हालांकि नामांकन से नौ दिन पहले तक जिला निर्वाचन अधिकारी के पास शक्तियां होती हैं। हालांकि अब प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। फिर भी शिकायत आई है और संबंधित बीडीओ के माध्यम से जांच करवा समस्या का निराकरण करवाया जाएगा।


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