बरसात शुरू..तैयारियों पर पानी
नीरज व्यास धर्मशाला बरसात शुरू हो गई है लेकिन इससे निपटने के लिए तैयारियां अभी तक अधूर
नीरज व्यास, धर्मशाला
बरसात शुरू हो गई है लेकिन इससे निपटने के लिए तैयारियां अभी तक अधूरी हैं। कोरोना महामारी ने बरसात से पूर्व होने वाले इंतजामों पर ब्रेक लगा दी है। हालांकि अनलॉक वन से ही सरकारी मशीनरी सक्रिय होनी शुरू हुई है। इस दौरान ऐसी सड़कें जहां टारिंग होनी थी वहां पर कार्य शुरू कर दिया है।
लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के किनारे निकासी नालियों को खोलने का कार्य शुरू कर दिया है। अगर कोई मार्ग बरसात के कारण बंद हो जाता है तो उसे खोलने के लिए जेसीबी व मजदूरों की तैनाती के लिए भी विभाग ने कसरत शुरू कर दी है। हालांकि आउटसोर्स पर ली जाने वाली मशीनरी के लिए अभी टेंडर प्रकिया जारी है। दूसरी ओर एनएचएआइ (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने पहले ही नालियां चकाचक करवा ली हैं। करीब 200 किलोमीटर लंबे पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को चकाचक करने का जिम्मा पांच ठेकेदारों को सौंपा है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। तीन दिन में टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। इन ठेकेदारों के नंबर जिला कांगड़ा के सभी अधिकारियों व डिजॉस्टर मैनेजमेंट व कंट्रोल रूम में उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि जरूरत पर इनसे संपर्क हो सके और मशीनरी को प्रभावित क्षेत्र में भेजा जा सके। ठेकेदारों के कार्यों का आकलन एनएचएआइ की ओर से की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
..........................
पीडब्ल्यूडी ने तेज किया नालियों की खोदाई का कार्य
बरसात से पहले तैयारियां कर लेने वाला लोक निर्माण विभाग इस बार बरसात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। जगह-जगह से नालियां बंद होने व इनमें मलबा होने की सूचनाएं आ रही हैं। कोरोना महामारी के कारण विभाग प्री मानसून तैयारियां नहीं कर पाया है। हालांकि विभाग ने बरसात को देखते हुए नालियों की खोदाई का कार्य शुरू कर दिया है। इसके अलावा विभिन्न अधिशाषी अभियंताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों मे मशीनरी व मजदूरों को मुस्तैद कर दिया है। पिछले साल बरसात से हुआ नुकसान भी लोक निर्माण विभाग के ध्यान में है।
.........................
पिछले साल भूस्खलन से बेघर हुए थे कई लोग
पिछले साल भूस्खलन व बारिश ने कई लोगों को बेघर कर दिया था। साथ ही रेलमार्ग भी बाधित हुआ था। नूरपुर के सदवां में भूस्खलन हुआ था। इसके साथ-साथ नूरपुर नगर परिषद के वार्ड दो में भूस्खलन से कुछ मकान जद में आ गए थे। उस दौरान प्रशासन ने 12 परिवारों का दूसरी जगह पुनर्वास करवाया था। इसके अलावा जवाली के 32 मील में बरसात में अक्सर भूस्खलन होता है। पहाड़ी का मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो जाता है। पिछले साल भी एनएच बंद हो गया था। इसके अलावा लग पंचायत के सवांता में हुए भूस्खलन से लोगों के खेत ही बह गए थे। लग के गुराला कस्बा कोटला में जागीर व चनौर गांव में भी भूस्खलन से मार्ग बंद रहा था। कई कनाल जमीन से लोगों को हाथ धोना पड़ा था। छावनी क्षेत्र धर्मशाला कैंट टीहरा लाइन में भूस्खलन से डंगा गिर गया था और कई माह तक बड़ी बसों की आवाजाही बंद रही थी।
.......................
बरसात में नदी-नालों से रहें दूर
बरसात के दिनों में नदी-नालों में कुछ लोग नहाने चले जाते हैं और अचानक पानी बढ़ने से जान का जोखिम हो जाता है। लोग नदी-नालों से दूर रहें। जिन लोगों के घर नदी और नालों के बिल्कुल नजदीक हैं, वे पुनर्वास समय रहते कर लें।
--------------------
बरसात व किसी भी आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार है। सभी विभागों को आपदा व बरसात से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। डीसी कार्यालय में पहले ही कंट्रोल रूम बना है। इसके लिए विभिन्न विभागों की संयुक्त आपदा प्रबंधन समिति भी गठित है। यह कंट्रोल रूम काम कर रहा है। बरसात के दिनों में आने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए भी यही कंट्रोल रूम काम करेगा। 1077 ट्रोल फ्री नंबर काम करेगा। इसके अलावा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल नंबर व दफ्तर के नंबर भी इस समय हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए मौजूद रहेंगे।
-राकेश प्रजापति, उपायुक्त, कांगड़ा
..................
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को बरसात में चालू रखने के लिए विशेष तैयारी रहती है। 200 किलोमीटर के क्षेत्र में पांच ठेकेदारों को 40 किलोमीटर प्रति एरिया दिया जाता है। मार्ग की निगरानी व देखरेख की जिम्मेदारी ठेकेदारों की होती है। एनएचएआइ सिर्फ निगरानी करता है। ठेकेदार को जूलाई, अगस्त व सितंबर में इसकी निगरानी करनी होती है। तीन माह तक जिस ठेकेदार को इसका ठेके जाता है वह ही देखरेख करता है, जबकि एनएचएआइ व जिला प्रशासन के अधिकारी निगरानी करते हैं। ठेकेदार के नंबर डिजॉस्टर मैनेजमेंट टीम के पास होता है और प्रशासन के पास भी रहता है। जहां भी जरूरत होती है, उस क्षेत्र के ठेकेदार को तत्काल सूचित कर मार्ग बहाल करवाया जाता है। एक-दो दिन में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
सतीश नाग ज्वाइंट एडवाइजर (टेक्निकल) एनएचएआइ
....................
बरसात से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग तैयार है। सड़कें चकाचक रहें, डंगे सुरक्षित रहें, इसके लिए बरसात से पहले ही कुछ कार्य कर लिए जाते रहे हैं। इस बार बरसात से पहले तैयारियां नहीं हो सकी थीं। अनलॉक वन के बाद पूरी टीम नालियों को बहाल करने में जुटी है। सभी अधिशाषी अभियंताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में मशीनरी को चुस्-दुरुस्त रखने और आउटसोर्स में जिनके पास मशीनरी है उनका डाटा अपडेट करने के लिए कहा है। विभाग अपनी तरफ से तैयार है। लोनिवि के पास अपनी लेबर भी है। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। जहां जरूरत होगी, वहां पर मशीनरी भेजकर मार्गो को बहाल किया जाएगा।
-संजीव शर्मा, मुख्य अभियंता धर्मशाला
.....................
पिछले साल जल शक्ति विभाग को हुआ नुकसान
योजना का नाम संख्या नुकसान
-अर्बन वाटर सप्लाई स्कीम 5, 294.32 लाख रुपये -रूरल वाटर सप्लाई स्कीम 445, 5405.58 लाख रुपये
-सिंचाई योजनाएं 280, 3539.41 लाख रुपये
कुल स्कीम 730, कुल राशि 9239.21 लाख रुपये
...................
लोक निर्माण विभाग को हुई क्षति
कुल नुकसान (सड़क लंबाई किलोमीटर), पक्के मार्ग, कच्चे मार्ग 2896.44, .208544, 125.93 (करोड़) ----------------------
घर व पशुशालाओं को हुआ नुकसान
38 पक्के मकानों को 38.76 लाख रुपये की क्षति
.........................
178 कच्चे मकानों को 181.56 लाख रुपये का चपत।
613 पशुशालाओं को 70.30 लाख की क्षति
...................
पशुओं को नुकसान (मरे)
पशु संख्या राहत
गाय-भैंस 96, 14.30 लाख रुपये भेड़-बकरी 8, 63 हजार रुपये
घोड़े 6, 75 हजार रुपये
गधे 1, 16 हजार रुपये