मानसून के रफ्तार पकड़ने से पहले ही हिमाचल में करोड़ों का नुकसान, देखिए विभागीय आंकड़ा
Rain Damagae Crores मानसून के रफ्तार पकडऩे से पहले ही बागवानी को 62 लाख तो बिजली बोर्ड को 36.50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
शिमला, जेएनएन। मानसून के रफ्तार पकडऩे से पहले ही बागवानी को 62 लाख तो बिजली बोर्ड को 36.50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। तूफान से सबसे अधिक आम, लीची, किन्नू आदि को नुकसान पहुंचा है। घरों पर पेड़ गिरने से भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ। मानसून के तीन जुलाई से रफ्तार पकडऩे की संभावना है।
प्रदेश में सबसे अधिक नुकसान मंडी, कांगड़ा और शिमला जिला में हुआ है। बिजली बोर्ड को मंडी के सुंदरनगर में 30 लाख का, जबकि करसोग में 6.50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें बिजली की तारों के अलावा ट्रांसफार्मरों को नुकसान हुआ।
मानसून की इस दूसरी बारिश ने कई स्थानों पर कहर ढाया। 66 मकानों और 26 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। राजस्व विभाग ने अब हर दिन के नुकसान की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं, ताकि केंद्र सरकार को नुकसान की रिपोर्ट भेजी जा सके। तूफान के कारण कई स्थानों पर पेड़ों के उखडऩे से बिजली की तारें टूट गईं।
प्रदेश में कितना नुकसान
- नुकसान,संख्या,लाखों में
- मकान,66,49.65
- गोशाला,26,12.90
- सुंदरनगर बिजली बोर्ड,30
- करसोग बिजली बोर्ड,6.50
- दुकानें,66,49.65
प्रदेश में बरसात के कारण करीब 1.64 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। सभी अधिकारियों को बरसात से होने वाले नुकसान की तुरंत जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। -डीसी, राणा, विशेष सचिव व निदेशक आपदा प्रबंधन।