निजी कॉलेज प्रधानाचार्यों की जांच में अब पीएचडी का पेंच, बताना होगा विश्वविद्यालय का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट
Himachal Private Colleges Principal निजी कॉलेज के प्रधानाचार्यों की शैक्षणिक योग्यता की जांच में अब पीएचडी डिग्री का पेंच फंस गया है। कॉलेज प्रधानाचार्यों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता का रिकाॅर्ड निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को भेजा है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Private Colleges Principal, निजी कॉलेज के प्रधानाचार्यों की शैक्षणिक योग्यता की जांच में अब पीएचडी डिग्री का पेंच फंस गया है। कॉलेज प्रधानाचार्यों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता का रिकाॅर्ड निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को भेजा है। इसमें ज्यादातर कॉलेज प्रधानार्चाें ने अपनी क्वालिफिकेशन में पीएचडी की डिग्री मेंशन की है। मामले की जांच कर रही कमेटी ने प्रधानाचार्यों से पूछा है कि उन्होंने कब पीएचडी की है। यदि वर्ष 2009 के बाद पीएचडी डिग्री पूरी की है तो उन्हें विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज या फिर रजिस्ट्रार की ओर से वैरिफिकेशन पत्र भी देना होगा। इसमें बताना होगा कि उनकी पीएचडी डिग्री यूजीसी रेगुलेशन 2009 के अनुसार हुई है।
विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों के लिए यह पत्र पहले से लगता है, लेकिन कॉलेजों में इस तरह की कोई शर्त नहीं थी। जांच कमेटी ने इसे अनिवार्य किया है। वर्ष 2009 में पीएचडी को लेकर यूजीसी ने नियमों में बदलाव किया था। जिसके बाद यह शर्त जोड़ी गई है।
45 कॉलेज के प्रधानाचार्यों को दिया था अयोग्य करार
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने 45 निजी कॉलेज के प्रधानाचार्यों को अयोग्य करार दिया था। प्रधानाचार्यों को 19 व 20 मार्च तक अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखने के निर्देश दिए थे। 36 प्रधानाचार्यों ने अपना पक्ष आयोग के समक्ष रखा है। कमेटी इनकी योग्यता की दोबारा जांच करेगी। नौ कॉलेज प्रधानाचार्यों ने अपना पक्ष रखने के लिए कुछ समय मांगा था। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।