पदोन्नति के साथ प्रधानाचार्यों को चाहिए मनपंसद का स्टेशन
कागजी तौर पर भले ही हिमाचल में तबादले बंद हैं। वहीं दूसरी तरफ पहुंच हो तो पदोन्नति के साथ मिले स्टेशन को भी बदलवाया जा सकता है। ऐसा ही उदाहरण शिक्षा विभाग में देखने को मिला है। शिक्षा विभाग ने 206 शिक्षकों को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाया था।
अनिल ठाकुर, शिमला। कागजी तौर पर भले ही हिमाचल में तबादले बंद हैं। वहीं, दूसरी तरफ पहुंच हो तो पदोन्नति के साथ मिले स्टेशन को भी बदलवाया जा सकता है। ऐसा ही उदाहरण शिक्षा विभाग में देखने को मिला है। शिक्षा विभाग ने 206 शिक्षकों को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाया था। इनमें 108 मुख्य अध्यापक थे, जबकि 98 प्रवक्ता श्रेणी से प्रधानाचार्य बने थे। पदोन्नत होने वाले शिक्षकों को 15 दिन के भीतर तय स्टेशन पर तैनाती करने का निर्देश जारी किया था।
110 ने तय समय के भीतर अपनी तैनाती दे दी, लेकिन 47 शिक्षकों ने इस समय अवधि में तैनाती नहीं दी। अब इन्हें एक्सटेंशन भी मिल गई है। शेष 49 को भी तैनाती के लिए 31 जनवरी तक का समय मिला है। कई शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध के बीच ही अपनी एडजेस्टमेंट दूसरे स्कूलों में करवा ली। इनमें छह आदेश ऐसे हैं, जहां पर पहले से प्रधानाचार्य नियुक्त हैं। ये प्रधानाचार्य 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने हैं। प्रधानाचार्यों के नियुक्ति और पदोन्नति से लेकर तबादलों की पूरी प्रक्रिया सचिवालय से होती है। प्रधान सचिव (शिक्षा) रजनीश की ओर से यह आदेश जारी किए हैं।
31 दिसंबर को हुए थे पदोन्नत
प्रवक्ता और मुख्य अध्यापक पद से पदोन्नति की सूची 31 दिसंबर को जारी हुई थी। शिक्षक काफी समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। इसमें पहले वरिष्ठता को लेकर विवाद चला हुआ था। सरकार ने शिक्षा विभाग को पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा था, जिसके बाद यह आदेश जारी किए गए थे।
15 दिन में देनी होती है तैनाती
नियमों के तहत पदोन्नति के बाद नए स्थान पर तैनाती दी जाती है। ज्यादातर शिक्षक पहले ही पसंद का स्टेशन बता देते हैं। पदोन्नति आदेश के 15 दिन के भीतर ज्वाइन करना होता है। इस केस में इन शिक्षकों ने तय समय पर ज्वाइन ही नहीं किया।