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राष्‍ट्रपति ने शिमला में सम्‍मानित किए आइएएएस प्रशिक्षु अधिकारी, बोले- सीखने के लिए यह वातावरण बेहद उपयुक्‍त

President Himachal Visit राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी शिमला के यारोज परिसर में भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा (आइए एंड एएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 01:45 PM (IST)
राष्‍ट्रपति ने शिमला में सम्‍मानित किए आइएएएस प्रशिक्षु अधिकारी, बोले- सीखने के लिए यह वातावरण बेहद उपयुक्‍त
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज यारोज परिसर में आइए एंड एएस प्रशिक्षु अधिकारियों के समारोह में मुख्य अतिथि पहुंचे।

शिमला, राज्य ब्यूरो। President Himachal Visit, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी शिमला के यारोज परिसर में भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा (आइए एंड एएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह के दौरान आइए एंड एएस के 2018 और 2019 बैच के 38 प्रशिक्षु अधिकारियों को राष्ट्रपति और गण्यमान्यों की उपस्थिति में उनके इंडक्शन प्रशिक्षण पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रत्येक बैच के तीन शीर्ष प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को राष्ट्रपति ने स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया।

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्‍द ने कहा लेखापरीक्षा कार्य प्रणाली की गहरी समझ हासिल करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं और सीएजी को सुधार के सुझाव देने की अच्छी स्थिति में रखते हैं। राष्ट्रपति ने कहा 18 महीने देश के लिए बहुत ही कठिन रहे हैं। कोविड महामारी के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सरकार ने संकट को कम करने और गरीबों के कल्याण के लिए विभिन्न वित्तीय उपाय किए हैं। इसमें सीएजी की बहुत अहम भूमिका है।

राष्ट्रपति ने कहा नागरिकों की सुविधा के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को तेजी से डिजिटल किया जा रहा है। तेजी से फैलती प्रौद्योगिकी सीमा ने राज्य और नागरिकों के बीच की दूरी को कम कर दिया है। राष्‍ट्रपति ने कहा डीबीटी (डायरेक्‍ट बेनेफ‍िट ट्रांसफर) से समाज के गरीब तबके तक कंप्‍यूटर के ए‍क क्लिक से पैसा पहुंच रहा है। लेखा परीक्षा के दृष्टिकोण से यह एक छोटी चुनौती और विशाल अवसर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि निरीक्षण कार्य करते समय सीएजी को प्रणालीगत सुधारों के लिए इनपुट प्रदान करने के अवसरों के बारे में पता होना चाहिए। लेखापरीक्षा कार्य प्रणाली की गहरी समझ हासिल करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं और सीएजी को सुधारों का सुझाव देने की एक अच्छी स्थिति में रखते हैं। सरकारें सीएजी जैसी संस्था द्वारा दी गई सलाह को गंभीरता से लें। यह हमारे सार्वजनिक सेवा वितरण मानकों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

उन्नत एनालिटिक्स टूल का उपयोग करके, भारी मात्रा में डाटा की जानकारी को दूर की यात्रा किए बिना मिटाया जा सकता है। यह लेखा परीक्षा कार्यों को अधिक केंद्रित और कुशल बना सकता है। उन्होंने कहा कि हमें विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाना होगा। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि सीएजी को मामले की जानकारी है।

राष्ट्रीय लेखा परीक्षा और लेखा अकादमी के आसपास के वातावरण के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा परिवेश सीखने की गतिविधियों के लिए एक महान स्थान है। उन्होंने कहा कि सीएजी ने पर्यावरण लेखा परीक्षा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे भविष्य के लिए बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि संसाधन परिमितता की बाधाओं को केवल मानव नवाचार द्वारा ही आंशिक रूप से संबोधित किया जा सकता है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए किए जाने वाले बलिदानों के बारे में जागरूक करने में सीएजी की बड़ी भूमिका है।

अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा लोक सेवकों के रूप में वे सबसे गरीब लोगों की सेवा करने और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में सक्षम होने पर सबसे अधिक संतुष्टि प्राप्त करेंगे। अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करते हुए हमें सौंपी गई इस सामान्य जिम्मेदारी के प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए।

राष्ट्रीय लेखा परीक्षा और लेखा अकादमी शिमला भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग का शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान है। इस दौरान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद रहे।

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