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राष्ट्रपति ने कहा, पहाड़ी क्षेत्रों के व‍िकास का मॉडल बना ह‍िमाचल

डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोव‍िंद ने कहा क‍ि आज यह प्रदेश पहाड़ी क्षेत्रों के व‍िकास का एक मॉडल बना है।

By Munish DixitEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 10:48 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 05:52 PM (IST)
राष्ट्रपति ने कहा, पहाड़ी क्षेत्रों के व‍िकास का मॉडल बना ह‍िमाचल
राष्ट्रपति ने कहा, पहाड़ी क्षेत्रों के व‍िकास का मॉडल बना ह‍िमाचल

जेएनएन, कांगड़ा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के पहले दीक्षांत समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोव‍िंद ने कहा क‍ि हिमाचल देवभूम‍ि होने के साथ साथ वीरभूम‍ि भी हैं। उन्‍हें गर्व है क‍ि आज उन्‍हें इस भूम‍ि में आने का अवसर म‍िला है। उन्‍होंने कहा कि कांगड़ा की इसी धरती से जहां देश के पहले परमवीर चक्र व‍िजेता मेजर सोमनाथ रहे हैं। वहीं अंग्रेजों से लोहा लेने वाले राम स‍िंह पठान‍िया का जन्‍म भी यहीं हुआ था। उन्‍होंने कहा कि वह पहली बार वर्ष 1974 में ह‍िमाचल आए थे। आज ह‍िमाचल ने काफी व‍िकास क‍िया है और ह‍िमाचल आज पहाड़ी क्षेत्रों के व‍िकास का एक मॉडल बना है। आज खुशी की बात है क‍ि टांडा मेड‍िकल कॉलेज एक ग्रामीण क्षेत्र में अच्‍छी सेवाएं उपलब्‍ध करवा रहा है। इस संस्‍थान ने तेजी से प्रगत‍ि की है।

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उन्‍होंने कहा प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में अच्छे डॉक्टरों तथा मेडिकल कालेजों की आवश्यकता है। अच्छे स्वास्थ्य संस्थान प्रोत्साहित करने तथा चिकित्सा शिक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए हाल ही में भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, 2018 की घोषणा की गई है। यह अध्यादेश मेडिकल कॉलेजों तथा संस्थानों की स्थापना, विस्तार तथा आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज कांगड़ा अपनी छोटी सी शुरूआत से क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान बनकर उभरा है।

उन्होंने मेडल प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा क‍ि टांडा में 17 कोर्स पीजी के चल रहे हैं। जो श‍िक्षा के नए व उच्‍च स्‍तरीय अवसर प्रदान कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि यह खुशी की बात है क‍ि भारत सरकार ने कुछ बड़ी शोध योजनाओं के ल‍िए देश के कुछ संस्‍थानों को चुना हैं, उसमें एक टांडा मेड‍िकल कॉलेज भी है। उन्‍होंने आज सम्‍मानि‍त हुए च‍िक‍ित्‍सकों को भी बधाई देते हुए कहा क‍ि अापने ज‍िस नोबेल मेड‍िकल प्रोफेशन को चुना है, वे केवल जीवकोपार्जन का साधन नहीं है। इसल‍िए इसे नोबेले प्रोफेशनल भी कहा जाता है, यह मूल रूप से सेवा का माध्‍यम है। एक डॉक्‍टर को जो संतोष म‍िलता है, उसे पैसो नहीं खरीदा जा सकता है। गरीब तबके मरीजों को सर्वोपर‍ि रखना मूल कर्तव्‍य है।

इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मेडल जीतने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी शिक्षित व्यक्ति का पहला और सबसे बड़ा गुण जीवन भर सीखते रहना है, जिससे वह अपने आप को आधुनिक ज्ञान से अपडेट रख सकता है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान से पास होने वाले युवा चिकित्सकों को समपर्ण और प्रतिबद्धता के साथ मानवता की सेवा करनी चाहिए। विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों तथा अध्यापकों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उनके कठिन परिश्रम और बलिदान के कारण ही उन्होंने आज यह सब हासिल किया है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय मेडिकल टांडा की स्थापना 1997 में की गई थी और इसका पहला सत्र 1998 में शुरू हुआ था। 20 वर्षों की इस छोटी अवधि में इस कॉलेज ने एक विशेष स्थान अर्ज‍ित कर लिया है। वर्तमान में राज्य में अकेले सरकारी क्षेत्र में छह  मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केन्द्र सरकार ने राज्य के लिए एम्स स्वीकृत किया है, जिसे बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में खोला जाएगा। इन सभी प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से राज्य हर वर्ष 600 चिकित्सक तैयार करेगा और राज्य के लोगों की सेवा के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उत्कृट चिकित्सक उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने समाज में नशे की बुराई से लड़ने के लिए युवाओं को एकजुट आगे आने का आग्रह किया ताकि युवा पीढ़ी को बचाया जा सके।

ह‍िमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। प्रदेश विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ जेएस नेगी ने दीक्षांत समारोह की कार्यवाही का संचालन किया। इस मौके पर राष्ट्रपति की धर्मपत्नी सविता कोविंद, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी डॉ. साधना ठाकुर, खाद्य एवं नागरिक आपर्ति मंत्री किशन कपूर, शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, सांसद शांता कुमार, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, विधायक रीता धीमान, अर्जुन सिंह, उपाध्यक्ष जीआईसी मनोहर धीमान, मुल्खराज प्रेमी तथा अरूण मेहरा, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इससे पहले सोमवार सुबह 10.30 बजे कांगड़ा के टांडा मेड‍िकल कॉलेज के दीक्षांत समारोह में पहुंच गए। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर ने उनका स्वागत क‍िया। जबकि टांडा में स्वास्थ्य मंत्री विपिन स‍िंह परमार व टांडा कॉलेज के कार्यकारी प्राचार्य डॉ. भानू अवस्थी ने उनका स्वागत क‍िया। 

राष्ट्रपति ने आठ प्रशिक्षुओं को 11 गोल्ड मेडल तो 110 को डिग्रियां प्रदान की। राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए पठानकोट-मंडी एनएच में गगल एयरपोर्ट से लेकर 53 मील तक पूरी तरह से एनएच में करीब तीन घ्‍ांटे तक यातायात बंद रहा। अब इसे एक बजे के बाद यातायात की आवाजाही के खोला गया है। इस कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति श‍ि‍मला के ल‍िए रवाना हो गए।

इन्‍हें म‍िले स्‍वर्ण पदक
-डॉ. जोबन प्रीत स‍िंह सर्वेश्रेष्‍ठ स्‍नातक सह‍ित बाल रोग में बेहतरीन कार्य के ल‍िए तीन स्‍वर्ण पदक द‍िए गए।
-डॉ. अंक‍िता चौधरी को बाल च‍िक‍ित्‍सा में अच्‍छा कार्य करने के ल‍िए स्‍वर्ण पदक द‍िया गया।
-डॉ. आकांशा को भी बाल च‍िक‍ित्‍सा में बेहतरीन कार्य के ल‍िए स्‍वर्ण पदक द‍िया गया।
-डॉ. श‍िखा शर्मा को बाल च‍िक‍ित्‍सा व स्‍त्री रोग में बेहतरीन कार्य के ल‍िए दो स्‍वर्ण पदक प्रदान क‍िए।
-डॉ. अंक‍िता डढवाल को स्‍त्री रोग में बेहतर कार्य के ल‍िए स्‍वर्ण पदक द‍िया गया।
-डॉ. शैवी को स्‍त्री रोग व‍िषय में कार्य करने के ल‍िए स्‍वर्ण पदक द‍िया गया।
-डॉ. प्रीत‍ि शर्मा को च‍िक‍ित्‍सा शास्‍त्र में स्‍वर्ण पदक प्रदान क‍िया गया।
-डॉ. रूप को शल्‍य च‍िक‍ित्‍सा व‍िषय में अच्‍छा कार्य करने पर स्‍वर्ण पदक प्रदान क‍िया गया।

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