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अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक में एमबीबीएस काउंसलिंग की तैयारी, बैठक कल

अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन एमबीबीएस काउंसलिंग की तैयारियों में जुट गया है। केंद्र से काउंसलिंग की तिथियां जारी होने से पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन अभ्यर्थियों से आवेदन मांगने जा रहा है ताकि प्रदेश स्तर पर मेरिट पहले तैयार की जा सके।

By Virender KumarEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 09:16 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 09:16 PM (IST)
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक में एमबीबीएस काउंसलिंग की तैयारी, बैठक कल
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक में एमबीबीएस काउंसलिंग की तैयारी की जा रही है। जागरण आर्काइव

मंडी, जागरण संवाददाता। अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन एमबीबीएस काउंसलिंग की तैयारियों में जुट गया है। केंद्र से काउंसलिंग की तिथियां जारी होने से पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन अभ्यर्थियों से आवेदन मांगने जा रहा है, ताकि प्रदेश स्तर पर मेरिट पहले तैयार की जा सके। यह प्रार्थना पत्र शनिवार से मांगे जा सकते हैं। इसके लिए शुक्रवार को बैठक में फैसला होगा।

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अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक पहली बार प्रदेश के छह सरकारी व एक निजी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की 870 सीटों के दाखिल के लिए आनलाइन काउंसलिंग लेने जा रही है। अभी तक केंद्र सरकार से तिथियां जारी न होने के कारण दाखिले में हो रही देरी और अभ्यर्थियों के लगातार आ रहे फोन को देखते हुए मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने स्तर पर पहले प्रार्थना पत्र आमंत्रित कर लेगा, ताकि इच्छुक अभ्यर्थियों की मेरिट तैयार हो सके। इसके बाद जैसे ही तिथियां घोषित होंगी उस मेरिट के आधार पर काउंसङ्क्षलग आरंभ कर दी जाएगी। हालांकि आल इंडिया की मेरिट सूची यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास पहुंच चुकी है। अधिकारियों की मानें तो यह सूची यूनिवर्सिटी को इसलिए दी जाती है, ताकि काउंसङ्क्षलग के समय इसमें भाग ले रहे विद्यार्थी की सही पहचान हो सके। अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक प्रवीण शर्मा ने बताया कि काउंसङ्क्षलग की तिथियां अभी केंद्र से नहीं आई हैं। इसलिए बच्चों से पहले आवेदन मांगने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए शुक्रवार को बैठक होगी।

लोगों की सुविधा के लिए स्ट्रेचर बाइक आई, तिरपाल के नीचे छुपाई

लोगों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से भेजी गईं स्ट्रेचर बाइक को स्वास्थ्य विभाग ने छिपाकर रख दिया है। दोनों बाइक उन जगहों से मरीजों को लाने के लिए दी गई थीं, जहां पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। इनको क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में पार्किंग के पीछे तिरपाल से ढककर रख दिया गया है।

करीब चार माह पहले प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कुछ चुङ्क्षनदा अस्पतालों को स्ट्रेचर बाइक मुहैया करवाई थी। इसमें बाइक के साथ स्ट्रेचर की सुविधा है, ताकि किसी भी एमरजेंसी में मरीज को घर से सड़क तक लाने में किसी तरह की परेशानी न हो। मंडी शहर की बात करें तो गलियों से भरे इस शहर में कई मार्गों पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में यह स्ट्रेचर बाइक काफी मददगार साबित हो सकती है, लेकिन मंडी में इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी को ये स्ट्रेचर बाइक मिलने के एक माह तक तो पर्ची काउंटर के पास ही पड़ी रहीं। जब यह मुद्दा उठने लगा तो इनको पार्किंग के पीछे खड़ा कर दिया गया है।

अस्पताल के अधिकारियों की मानें तो स्ट्रेचर बाइक चलाने के लिए चालक ही उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए इन्हें तिरपाल से ढककर पार्किंग में खड़ा कर दिया गया है। दोनों की कीमत लगभग तीन से चार लाख रुपये तक है। अगर ये स्ट्रेचर बाइक आरंभ कर दी जाती हैं तो मरीजों को सुविधा मिलेगी।

चालक नहीं होने के कारण इन स्ट्रेचर बाइकों को चलाने में दिक्कत आ रही है। जल्द ही इनको चलाने के लिए चालकों के लिए व्यवस्था की जाएगी।

-डा. देवेंद्र शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मंडी।


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