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परागपुर पंचायत समिति उपाध्यक्ष की छुट्टी

परागपुर पंचायत समिति उपाध्यक्ष के खिलाफ 27 अगस्त को आए अविश्वास मत पर बैठक बुलाई गई थी।

By Edited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 10:46 AM (IST)
परागपुर पंचायत समिति उपाध्यक्ष की छुट्टी
परागपुर पंचायत समिति उपाध्यक्ष की छुट्टी

गरली, जेएनएन। परागपुर पंचायत समिति उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है। सीक्रेट बैलेट पेपर से हुए मतदान में 21 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाले और उपाध्यक्ष को एक भी मत हासिल नहीं हुआ। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के साथ ही मुजेश कुमार से उपाध्यक्ष की कुर्सी छिन गई है। 32 सदस्यों वाली परागपुर पंचायत समिति उपाध्यक्ष के खिलाफ 27 अगस्त को आए अविश्वास मत पर मंगलवार को बैठक बुलाई गई थी। कोरम पूरा होने के लिए 17 सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक थी।

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सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक में 21 सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज करवाई और दोपहर एक बजे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान सीक्रेट बैलेट पेपर से हुए मतदान में सभी मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े। बैठक से उपाध्यक्ष भी नदारद रहे। सदस्यों ने अब नए उपाध्यक्ष का चयन करने के लिए चुनाव की मांग उठाई है। बीडीओ परागपुर ओम प्रकाश ठाकुर ने बताया कि मुजेश कुमार को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। उन्होंने बताया कि नए उपाध्यक्ष का चयन आदेश मिलने के बाद किया जाएगा। .

बैजनाथ-पपरोला नपं में 27 को होगा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का फैसला

नगर पंचायत बैजनाथ-पपरोला को 27 सितंबर को नए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष मिल जाएंगे। एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि उच्च न्यायालय से स्टे हटने के बाद अध्यक्ष मधु शर्मा व उपाध्यक्ष छवि शर्मा बहुमत साबित न कर सके थे और इस कारण दोनों को पदों से हटना पड़ा है। प्रशासन ने नपं के 11 पार्षदों को 15 दिन का समय बहुमत साबित करने के लिए दिया था मगर किसी के न आने पर अब चुनाव प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। एसडीएम ने बताया 19 सितंबर को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि निर्धारित की है।

22 सितंबर को नाम वापस लिए जा सकेंगे व 27 को चुनाव होगा। उल्लेखनीय है कि बैजनाथ-पपरोला नगर पंचायत के गठन को ढाई साल हो गए हैं पर 11 पार्षदों के दो गुट बनने से कोई भी विकास कार्य नहीं हो सका है। डेढ़ साल पहले छह पार्षदों  ने अविश्वास मत मत डालकर डीसी कांगड़ा से गुहार लगाई थी, जबकि अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया व स्टे ले लिया। बाद में उच्च न्यायालय ने स्टे हटा दिया। अब 27 सितंबर को नए अध्यक्ष-उपाध्यक्ष मिलने की उम्मीद जगी है।


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