बदहाल सड़कें बुझा रहीं चिराग
जागरण संवाददाता धर्मशाला वाहन चलाते समय सतर्कता बहुत जरूरी है। जरा सी लापरवाही हादसे का का
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : वाहन चलाते समय सतर्कता बहुत जरूरी है। जरा सी लापरवाही हादसे का कारण बन सकती है। जिले में सड़क हादसों के पीछे चालकों की लापरवाही व बदहाल सड़कें मुख्य कारण सामने आ रहे हैं। इससे कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। इसके अलावा वाहनों की तेज रफ्तार, जल्दबाजी में ओवरटेक करना भी हादसे की वजह बनते हैं।
कई स्थानों पर निर्देश बोर्ड न होने, तीखे मोड़ के कारण भी हादसे होते हैं। जिले में करीब 100 ब्लैक स्पॉट हैं। इन्हें सुरक्षित यातायात के लिए दुरुस्त करना जरूरी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में तेज गति से काम नहीं हो सका है। जिले में इस साल अब तक 295 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें 94 लोगों की मौत हुई है, वहीं 361 घायल हुए हैं।
डमटाल के रांची मोड़ पर होती हैं सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रांची मोड़ दुर्घटना संभावित क्षेत्र बन गया है। रांची मोड़ पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। रांची मोड़ पर एक उद्योग के लिए सामान लेकर आने वाले वाहन बेतरतीब ढंग से खड़े कर दिए जाते हैं और इससे हमेशा हादसों का डर बना रहता है। राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क पर रांची मोड़ तीखा मोड़ है और पठानकोट की तरफ चढ़ाई है। जब कोई वाहन तेज गति से जालंधर की तरफ जाता है तो रांची मोड़ के ऊपर रेलवे क्रॉसिग पुल है जैसे ही तेज रफ्तार वाहन पठानकोट से जालंधर की तरफ जाते हैं तो मोड़ पर हादसा हो जाता है। थाना प्रभारी कुलभूषण गुलेरिया ने कहा कि समय-समय पर बेतरतीब खड़े किए वाहनों के चालान किए जाते हैं। यह कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी। भदरोआ में सड़कों की स्थिति भी जिम्मेदार
भदरोआ में बदहाल सड़कें भी दुर्घटना का कारण बनती हैं। गड्ढों को न भरना, टारिग, पैरापिट, डंगों का निर्माण न करने से सड़क के दोनों तरफ डाली गई मिट्टी दुर्घटना का कारण बनती है। लोक निर्माण विभाग को यहां सजगता दिखानी चाहिए।
देहरा के खूनी मोड़ पर पलट जाते हैं वाहन
देहरा का खूनी मोड़ भी दुर्घटनाओं का सबब बनता है। यह मोड़ कुछ भीतर की तरफ तो कुछ बाहर की तरफ है, जब चालक गाड़ी की पूर्व गति में ही मोड़ काटता है तो वह दूसरी तरफ चला जाता है और नियंत्रण खोने के कारण यहां पर वाहन पलट जाते हैं। अकसर पंजाब से आने वाले बड़े ट्रक व गाड़ियां यहां पर हादसों का कारण बनती हैं। यहां पर कई स्थानों पर निर्देश बोर्ड लगे हैं तो कहीं पर लगने भी हैं। लोक निर्माण विभाग के विशेषज्ञ भी इन मोड़ों की परख कर चुके हैं। फिर भी अभी तक हादसे यहां रुके नहीं हैं। बैजनाथ में बनूरी के पास कूहल के पास उतर जाते हैं वाहन
पठानकोट-मंडी हाईवे पर पालमपुर और बैजनाथ के बीच में बनोडू और बनूरी के समीप एक स्थान ऐसा है जहां पर गाड़ी सड़क से नीचे उतर जाती है। गाड़ी सीधी कूहल में जाकर गिरती है। हादसों के बाद भी यहां क्रैश बैरियर नहीं लग पाए हैं। तासी जौंग के पास इसी हाईवे पर विभाग ने सड़क से दस मीटर की दूरी पर क्रैश बैरियर लगाए हैं जहां पर इसकी जरूरत न के बराबर है। जरूरी स्थल पर कोई निर्देश बोर्ड न होने के कारण यहां पर कई हादसे होते हैं। हरिपुर की बदहाल सड़क भी बनती है हादसे का कारण
हरिपुर की बदहाल सड़क भी हादसे का कारण बनती है। सड़क पर वाहन स्किड होने से कई हादसे हो चुके हैं। हरिपुर बाजार में भी कई लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, लेकिन इस सड़क को अभी तक सुधारा नहीं जा सका है। कांगड़ा शहर में ट्रैफिक लाइटें नहीं देती हैं सिगनल
कांगड़ा शहर में ट्रैफिक लाइटें जवाब दे चुकी हैं। यह लाइटें सड़क तंग होने के कारण आने व जाने वाले वाहनों की सुविधा के लिए स्थापित की गई थीं, लेकिन अब जवाब दे चुकी हैं। जिस कारण वाहन चालकों को अब इस ट्रैफिक लाइट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले में हैं 100 ब्लैक स्पॉट
ब्लैक स्पॉट सड़क हादसों के ग्राफ में इजाफा कर रहे हैं। इनको दूर करने के लिए जिले के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक में चर्चा जरूर होती है, लेकिन बहुत जल्द सभी ब्लैक स्पॉट दूर नहीं हो पाते। कुछेक पर तो लोक निर्माण विभाग काम करता है जबकि ज्यादातर ब्लैक स्पॉट बिना काम के ही रह जाते हैं। इसके कारण भी सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है। जिले में इस वक्त 100 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट हैं। पालमपुर, ज्वालामुखी, कांगड़ा में ज्यादा ब्लैक स्पॉट हैं। सड़कों की हालत को सुधारा जा रहा है। जहां पर टारिग होनी है वहां टारिग की जा रही है। बजट मिलने के आधार पर ब्लैक स्पॉट भी दूर किए जा रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट हैं। इन ब्लैक स्पॉट को हटाने के लिए काम किया जा रहा है। कुछ सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं।
संजीव शर्मा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग धर्मशाला।
क्या कहते हैं लोग
जहां पर निर्देश बोर्ड नहीं हैं वहां पर यह स्थापित होने चाहिए। दुर्घटना संभावित स्थानों पर विभाग को अतिरिक्त काम करना चाहिए ताकि दोबारा से दुर्घटना न हो।
संजय कुमार, निवासी पपरोला। कई हादसे मानवीय गलती तो कई विभागीय लापरवाही से होते हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें। नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने को न दें।
दीपक मनकोटिया, निवासी डमटाल। मार्ग की स्थिति के अनुसार वाहन चलाएं। इसके अलावा नशे में वाहन न चलाएं और न ही नशा किए व्यक्ति को दोपहिया वाहन पर बिठाएं। विभाग सड़कों की हालत सुधारे।
नरेंद्र पठानिया, निवासी डमटाल। थानों के तहत हुई दुर्घटनाएं
थाना,दुर्घटनाएं,मृतक,घायल
डमटाल,18,13,6
नूरपुर,35,15,31
पालमपुर,19,5,21
धर्मशाला,20,4,20
कांगड़ा,20,3,28
भवारना,15,3,16
पंचरुखी,15,2,15
जवाली, 20,12,24
नगरोटा बगवां 30,10,33