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पौंग झील के बीच बाथू की लड़ी में पर्यटकों की भीड़ देख प्रशासन ने बंद की पर्यटन गतिविधियां, पढ़ें खबर

Pong Lake Bathu Ki ladiपौंग झील के किनारे ऐतिहासिक मंदिर बाथू की लड़ी में हर दिन पर्यटकों का काफी जमावड़ा लगने से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बन रही है। ऐसे में चार अप्रैल तक यहां पर पर्यटन प्रतिबंधित किया गया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 08:28 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 08:28 AM (IST)
पौंग झील के बीच बाथू की लड़ी में पर्यटकों की भीड़ देख प्रशासन ने बंद की पर्यटन गतिविधियां, पढ़ें खबर
पौंग झील के किनारे ऐतिहासिक मंदिर बाथू की लड़ी में चार अप्रैल तक यहां पर पर्यटन प्रतिबंधित किया गया है।

जवाली, दीपक शर्मा। Pong Lake Bathu Ki ladi, पौंग झील के किनारे ऐतिहासिक मंदिर बाथू की लड़ी में हर दिन पर्यटकों का काफी जमावड़ा लगने से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बन रही है। ऐसे में चार अप्रैल तक यहां पर पर्यटन प्रतिबंधित किया गया है। वहीं कुछ शरारती तत्वों द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन कर, एक गोलनूमा आकार की सीढि़यों को चढ़ कर तकरीबन दो सौ फुट गुंबंद के ऊपर जाकर स्पीकरों की तीव्र आवाज में संगीत को चला कर हुड़दंग मचाया जा रहा है। प्रशासन ने हुड़दंग व संक्रमण की आशंका को देखते हुए यहां पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है।

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बाथू की लड़ी का रहस्य

आपको याद दिलाते चले कि प्रदेश में कई अद्भुत तीर्थ स्थल हैं जिनमें ए़क हिमाचल प्रदेश जिला कांगड़ा जवाली विधानसभा के अंतर्गत बाथू की लड़ी है, जिसने करीब तीन साल के बाद अपना दीदार दिया, यह तीर्थ स्थल पौंग झील के मध्य में पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान निर्मित बाथू की लड़ी है, जोकि पौंग झील का जलस्तर बढ़ने के कारण छह माह झील में समाया रहता है और 6 माह तक पानी के बाहर आता है। इस स्थल पर एक सीढ़ीनुमा ऊंची गोलाकार मीनार खड़ी है और साथ में मंदिर, प्रवेशद्वार, निकासीद्वार व पास में एक गहरा कुआं भी है। जब यह तीर्थ स्थल पानी से बाहर होता है तो काफी संख्या में पर्यटक इस स्थल को देखने आते हैं लेकिन बहुत ही कम लोग इसका इतिहास जानते हैं।

बताया जाता है कि इस तीर्थ स्थल का निर्माण पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान स्वर्ग को जाने के लिए किया गया था। इस बाथू की लड़ी का निर्माण एक ही रात में करना था तो पांडवों ने 6 माह की एक रात बनाकर इसका कार्य शुरू किया। स्वर्ग तक पहुंचने के लिए अभी अढ़ाई पौढियां ही शेष बची थीं कि साथ ही में कोल्हू पर तेल निकाल रही तेलिन चिल्ला कर बोली कि मैंने 6 माह का काम कर लिया है, लेकिन रात खत्म ही नहीं हो रही है। इसके साथ ही सीढ़ियां गिर गईं तथा पांडव इसको अधूरा छोड़कर आगे चलते बने।

एसडीएम ने किया औचक निरीक्षण

शिकायत पर एसडीएम जवाली कृष्ण कुमार शर्मा ने बाथू की लड़ी में औचक निरीक्षण किया। एसडीएम को देख हुड़दंगी वहां से भाग गए। एसडीएम ने बताया उन्हें बाथू की लड़ी में कुछ शरारती तत्वों के हुड़दंग मचाने की शिकायत मिली। जिसके चलते बाथू की लड़ी में पुलिस बल के साथ औचक निरीक्षण किया गया जिसमें पर्यटकों का जमावड़ा देखते हुए तथा कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार की गाइडलाइंस का पालन करने के लिए यहां तत्‍काल प्रभाव से पर्यटकों के घूमने पर चार अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब कोई भी व्यक्ति झील के किनारे व बाथू की लड़ी में घूमने नहीं जाएगा। उन्होंने बाथू की लड़ी में दुकानदारों, पर्यटकों एवं स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि चार अप्रैल तक कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए बाथू की लड़ी में न जाए। अगर कोई भी व्यक्ति इसके बावजूद वहां जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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