पौंग बांध विस्थापितों का 50 साल बाद भी नहीं हुआ पुर्नवास, अब पीएम को लिखा यह पत्र
प्रदेश में विभिन्न जगहों पर रह रहे पौंग बांध विस्थापितों ने प्रधानमंत्री सचिव जल संसाधन मंत्रालय एवं अध्यक्ष हाई कमेटी को पुनर्वास न होने पर पत्र प्रेषित किए।
जसूर, जेएनएन। प्रदेश में विभिन्न जगहों पर रह रहे पौंग बांध विस्थापितों ने प्रधानमंत्री, सचिव जल संसाधन मंत्रालय एवं अध्यक्ष हाई कमेटी को पुनर्वास न होने पर पत्र प्रेषित किए। 50 साल से हो रहे शोषण व समझौते के अनुसार पुनर्वास न होने पर रोष जताया। विस्थापित रामपाल वर्मा, एमएम चौधरी, रमेश धीमान, तरसेम लाल, प्यारेलाल, बाबू राम, रविंद्र चौधरी, विशंभर ठाकुर, ब्राहमी देवी, संतोख सिंह, अजय ठाकुर, अंकुर गुलेरिया, संजीव कुमार, अश्वनी, अजय कुमार, विशाल, अनिल नागर, एमएल कौंडल, सन्नी, एचसी गुलेरी, हंस राज, जीवन कुमार, चमन लाल, मनोहर लाल, तिलक राज, सुनील कुमार, कृष्ण कुमार, देव राज, जय चंद, अमीन चंद, बंसी लाल, प्रेम चंद, नंद किशोर, प्रेम चंद, रमेश कुमार, सुरजीत कुमार, वकील कुमार, रछपाल सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उनका पुनर्वास 2:20 लाख आरक्षित भूमि पर ही किया जाए।
वहीं राजस्थान सरकार द्वारा भूमि न देने की स्थिति में हाई पावर कमेटी की 23वीं बैठक के निर्णय के अनुसार 48 वर्षों के उत्पीडऩ का मुआवजा व श्रीगंगानगर में समझौते के तहत दी जाने वाली भूमि की आज के मूल्य की राशि देने का आग्रह किया है। विस्थापितों ने पत्र में अपनी दयनीय हालत का भी हवाला दिया है।