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शिमला में राज्‍य सचिवालय घेराव के लिए जा रहे जेबीटी प्रशिक्षुओं को पुलिस ने टालैंड में रोका

JBT Trainnee Protest जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षु मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। शिमला में राज्य सचिवालय घेराव के लिए जा रहे प्रशिक्षुओं को टालैंड के पास ही रोक दिया गया। सुबह 10 बजे प्रदेश भर से प्रशिक्षु सचिवालय घेराव के लिए शिमला पहुंचे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 11:29 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 11:29 AM (IST)
जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षु मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं।

शिमला, जागरण संवाददाता। JBT Trainnee Protest, जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षु मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। शिमला में राज्य सचिवालय घेराव के लिए जा रहे प्रशिक्षुओं को टालैंड के पास ही रोक दिया गया। सुबह 10 बजे प्रदेश भर से प्रशिक्षु सचिवालय घेराव के लिए शिमला पहुंचे। तय शेड्यूल के अनुसार प्रशिक्षुओं ने टालैंड से लेकर सचिवालय तक रैली निकालनी थी। इसके लिए बाकायदा उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर मंजूरी मांगी थी। लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। प्रशिक्षुओं ने टालैंड में इक्ट्ठे होकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। प्रशिक्षुओं ने वी वान्‍ट जस्टिस के नारे लगाए।

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संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि वह प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेशों का सम्मान करते हैं। सरकार से मांग की जा रही है कि उनके पक्ष को कोर्ट में मजबूती के साथ रखा जाए। जेबीटी के लिए बने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों से छेड़छाड़ न की जाए। जेबीटी प्रशिक्षु संघ ने अपने स्तर पर सुप्रीम कोर्ट जाने का मन भी बनाया है। राज्य में 12वीं पास युवा, जो आर्थिक व भोगौलिक परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं, वे राज्य में डाईट के माध्यम से जेबीटी, डीएलएड शिक्षा लेकर प्राथमिक स्तर पर अध्यापक नियुक्ति की योग्यता रखता है। अन्य राज्यों में भी जेबीटी-डीएलएड को ही प्राथमिक स्तर के लिए मान्य करार दिया है। बीएड को माध्यमिक स्तर के लिए योग्य माना गया है। जेबीटी शिक्षक संघ का कहना है कि इसमें बीएड को जोडऩे के लिए जेबीटी नियमों से छेड़छाड़ की गई, तो राज्य में इस समय 40000 प्रशिक्षित जेबीटी के साथ-साथ जिला के डाइट संस्थान व निजी शिक्षण संस्थानों का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

प्रदेश हाईकोर्ट ने दिया था ये फैसला

प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई द्वारा निर्धारित नियम एलिमेंटरी शिक्षा विभाग के साथ साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए कि वह 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। कोर्ट के इस फैसले से अब जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र होंगे। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए कंसीडर किया जाए क्योंकि वो बीएड डिग्री धारक होने के साथ साथ टेट उत्‍तीर्ण भी है और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं। उल्लेखनीय है कि एनसीटीई के नियमों के तहत बीएड डिग्री धारक जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए पात्र बनाये गए हैं और नियुक्ति प्राप्त करने पर उन्हें 6 महीने का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स करना होगा।

डाईट में कक्षाओं का बहिष्कार

जेबीटी व डीएलएड प्रशिक्षुओं ने जहां शिमला में प्रदर्शन किया। वहीं डाइट संस्थानों में प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार किया।संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती कक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा।


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