अटल के बहाने हिमाचल को छू गए पीएम मोदी, लाइव संबोधन में प्रीणी गांव से लेकर रोहतांग सुरंग का जिक्र
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करने के बहाने पीएम मोदी ने हिमाचल से उनका स्नेह फिर झलक गया।
मनाली, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लगाव किसी से छिपा नहीं है। बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करने के बहाने उन्होंने हिमाचल से उनका स्नेह फिर झलक गया। मौका था बुधवार को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर अटल रोहतांग टनल के नामकरण और अटल भूजल योजना के शुभारंभ का। अटल के दूसरे घर प्रीणी व मनाली के अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री का संबोधन लाइव दिखाया गया।
पीएम ने भाषण की शुरुआत में कहा, आज प्रौद्यगिकी की बदौलत हम सीधे मनाली और अटल जी के गांव प्रीणी के लोगों के साथ लाइव जुड़े हैं। हिमाचल से जुड़ी यादें साझा करते हुए मोदी ने कहा, 'मेरा सौभाग्य है कि मैंने रोहतांग सुरंग के निर्माण की चीजों को करीबी से सुना और समझा। जिस समय अटल जी प्रधानमंत्री थे तो मीं उन दिनों संगठन का काम करता था। हिमाचल भाजपा का प्रदेश प्रभारी होने के नाते अटल जी जब भी मनाली के प्रीणी आते थे तो मैं वहां रहता। इस कारण सुरंग के निर्माण की बारीकियों को सुनने-समझने का मौका मिला। अटल जी के प्रिय गांव प्रीणी के लोगों की तरह मैं भी भाग्यशाली रहा हूं। मैने सोचा नहीं था कि आज अटल जी के सपने को उनके नाम से जोडऩे का मौका मुझे मिलेगा। यह हिमाचल के साथ प्रीणी के लोगों के लिए बड़ा उपहार है।' मोदी ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का विजन देश की सुरक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देने का था। अटल टनल लेह-लद्दाख और कारगिल का रूप ही बदल देगी।
उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार को भी मंच से सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि जिस अटल भूजल योजना का शुभारंभ कर रहे हैं, उसका प्रारूप शांता कुमार ने बड़ी योजना के रूप में तैयार किया था। लेकिन अटल सरकार सरकार चले जाने के कारण पानी की योजना बह गई। इसे आज फिर से आरंभ करने का सौभाग्य मिला है। योजना का श्रेय शांता कुमार को देते हुए मोदी ने हिमाचल के प्रति रिश्तों को ओर गाढ़ा किया है।
बीआरओ को राजनाथ ने दी शाबाशी तो बजी तालियां
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अटल टनल के निर्माण में लगे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चार हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था, लेकिन खुशी की बात है कि बीआरओ ने इसे तीन हजार करोड़ में ही पूरा कर दिया। बीआरओ ने देश के राजस्व की बचत की है। यह सुनकर पर्वतारोहण संस्थान मनाली का सभागार तालियों से गुज उठा। रोहतांग दर्रे के नीचे से निकलने वाली सामरिक महत्व की सुरंग को बनाने का ऐतिहासिक फैसला वाजपेयी ने वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री रहते हुए लिया था।