शहरी निकायों में अब प्लास्टिक वेस्ट नहीं बनेगा समस्या, बनेंगी ईंटे व टाइल्स, सरकार ने बजट में किया प्रावधान
Himachal Govt Budget हिमाचल प्रदेश के शहरी निकायों में प्लास्टिक वेस्ट अब समस्या नहीं बनेगा। प्लास्टिक वेस्ट से ईंटे व टाइल्स बनेगी। सरकार इसके लिए निकायों को तकनीकी सहयोग उपलब्ध करवाएगी। प्रदेश में पांच नगर निगम 29 नगर परिषद व 27 नगर पंचायतें हैं।
मंडी, जागरण संवाददाता। Himachal Govt Budget, हिमाचल प्रदेश के शहरी निकायों में प्लास्टिक वेस्ट अब समस्या नहीं बनेगा। प्लास्टिक वेस्ट से ईंटे व टाइल्स बनेगी। सरकार इसके लिए निकायों को तकनीकी सहयोग उपलब्ध करवाएगी। निकायों में एकत्रित प्लास्टिक कचरे को सुरक्षित रूप से संशोधित एवं निष्पादन करने के लिए 70 वेस्ट शरैडर, 70 प्लास्टिक वेस्ट बेलिंग मशीनें व 70 प्लास्टिक कंपेक्टर उपलब्ध करवाए जाएंगे। इससे पर्यावरण को सरंक्षित करने में सहयोग मिलेगा। प्रदेश में पांच नगर निगम, 29 नगर परिषद व 27 नगर पंचायतें हैं। निकायों से रोजाना कई टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। इसका निष्पादन निकायों के समक्ष पहाड़ जैसी चुनौती थी।
यह भी पढ़ें: Himachal Pradesh Budget 2021-22: जयराम ठाकुर ने पेश किया 50 हजार करोड़ का बजट, नौकरियों की भरमार
प्लास्टिक वेस्ट एकत्र कर निकाय सीमेंट संयंत्रों को भेजते हैं, मगर उससे भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। ईंटों व टाइल्स का निर्माण होने से प्लास्टिक वेस्ट के निष्पादन में निकायों को सालाना लाखों रुपये खर्च नहीं करना पड़ेगा, यहीं ईंट व टाइल्स निकायों में सड़क व रास्तों निर्माण में काम आएगी। प्रदेश में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या बन चुका है।
जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार व जर्मन की एजेंसी जीआइजेड के सहयोग से प्रदेश के पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एक डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना होगी। शिमला के शोघी में दस करोड़ की लागत से निर्माणाधीन साइंस लर्निंग एडं क्रियटिविटी सेंटर इसी साल जनता को समर्पित होगा। यहीं पर प्रदेश का पहला बहुप्रतीक्षित प्लेनेटोरियम बनेगा। इस पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च हाेंगे। प्लेनेटोरियम से शिक्षा एवं मनोरंजन के लिए ग्रहों की स्थिति और गति देखने में मदद मिलेगी।