Move to Jagran APP

हाई पावर कमेटी की बैठक से पहले पूर्व मुख्‍यमंत्री धूमल ने लिखा पत्र, एसएमसी शिक्षकों के लिए बने स्थायी नीति

Former CM Prem Kumar Dhumal राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2555 एसएमसी शिक्षकों को स्थायी नीति बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। दो दिसंबर को मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक में इस मसले पर चर्चा की जानी है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 01:17 PM (IST)
हाई पावर कमेटी की बैठक से पहले पूर्व मुख्‍यमंत्री धूमल ने लिखा पत्र, एसएमसी शिक्षकों के लिए बने स्थायी नीति
राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2555 एसएमसी शिक्षकों को स्थायी नीति बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Former CM Prem Kumar Dhumal, राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2555 एसएमसी शिक्षकों को स्थायी नीति बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। दो दिसंबर को मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक में इस मसले पर चर्चा की जानी है। विभाग की ओर से बैठक के लिए तैयार किए गए एजंडे में इस मामले को शामिल किया गया है। बैठक से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने निदेशक उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा स्कूलों में एसएमसी शिक्षक पिछले आठ व इससे ज्यादा समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विभिन्न पदों पर यह सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा इनके लिए स्थायी पालिसी बनाई जाए।

loksabha election banner

धूमल जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस वक्त इनकी नियुक्तियां की गई थी। एसएमसी शिक्षकों के मसले पर चर्चा के लिए विभाग ने इसके लिए पूरी कसरत कर दी है। विभाग ने विधि विभाग से भी राय ले ली है। वर्ष 2012 से एक-एक साल का सेवा विस्तार देकर दुर्गम क्षेत्रों में एसएमसी शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं। एसएमसी के तहत पीजीटी, डीपीई, टीजीटी, सीएंडवी और जेबीटी लगाए गए हैं। शिक्षकों की लंबी सेवाओं को देखते हुए सरकार ने अब इस बाबत सकारात्मक रुख अपनाते हुए आगामी फैसला लेने की कवायद शुरू की है।

बीते अप्रैल में हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों के मामले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सुलझाने के लिए 11 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, कार्मिक, विधि और शिक्षा सचिव को सदस्य बनाया है। उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक इसके सदस्य सचिव बनाए गए हैं। कमेटी में विशेष/अतिरिक्त और संयुक्त सचिव स्तर के वित्त और शिक्षा विभाग की ए, बी और सी शाखा के अधिकारी भी सदस्य बनाए गए हैं। शिक्षकों से जुड़े पदोन्नति, तबादलों, नियुक्तियों और नियमितीकरण से संबंधित मामलों की सुनवाई इस कमेटी में होनी है। कमेटी की सिफारिश पर ही कैबिनेट मंजूरी को मामले भेजे जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.