शारीरिक शिक्षिका ने दो वर्ष में नहीं लिया एक भी अवकाश
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओच्छघाट की शारीरिक शिक्षिका नर्वदा ने दो वर्ष में एक भी अवकाश नहीं लिया है। उनके पति पीजीआइ में गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे तो ऐसी कठिन परिस्थिति में भी वह आनलाइन योग की कक्षाएं लगाती रहीं। उनके लिए कर्तव्य से बढ़कर कुछ नहीं है।
भूपेंद्र ठाकुर, सोलन। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओच्छघाट की शारीरिक शिक्षिका नर्वदा ने दो वर्ष में एक भी अवकाश नहीं लिया है। उनके पति पीजीआइ में गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे तो ऐसी कठिन परिस्थिति में भी वह आनलाइन योग की कक्षाएं लगाती रहीं। उनके लिए कर्तव्य से बढ़कर कुछ नहीं है। हालात कैसे भी रहे, लेकिन वह कभी कर्तव्य से पीछे नहीं हटी हैैं।
नर्वदा की ओर से प्रशिक्षित किए गए छात्र वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में हिमाचल का नाम रोशन करते रहे हैं। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में उन्हें राज्य शिक्षक का पुरस्कार दिया था। इन दिनों स्कूल बंद हैं तो नर्वदा स्टाफ व लोगों को प्रतिदिन आनलाइन योगा सिखा रही हैं।
नर्वदा ने कहा कि कोरोना काल जीवन का सबसे मुश्किल समय रहा है। अक्टूबर 2021 में पति विनोद सूद का पीजीआइ में आपरेशन हुआ तो इस दौरान भी उन्होंने आनलाइन योग की कक्षाएं लगाई। वह छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को योग सिखाती हैं। एक दशक में ऐसा कभी नहीं हुआ जब उनके द्वारा प्रशिक्षित किए गए छात्र राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में शामिल न हुए हों। स्कूल के दो-तीन छात्र हमेशा राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेते रहे हैं। वर्ष 2016 में ओच्छघाट स्कूल की एक छात्रा ने राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता है। उसका प्रयास रहता है कि बच्चे व समाज शिक्षित होने के साथ स्वस्थ भी रहेें।
ये आसन करने से मिलेगा लाभ
नर्वदा का कहना है कि शुगर के मरीजों को प्रतिदिन मंडूक आसन करना चाहिए। इससे शुगर कंट्रोल रहता है। वज्र आसन में जरूर बैठना चाहिए। यह आसन भोजन को पचाने में सहायता करता है। इस आसन को भोजन के बाद करते हैं। भद्र आसन भी सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। अर्धपदमासन भी सभी आयु के लोग कर सकते हैं। यह आसान ध्यान लगाने के लिए होता है। कोरोना काल में यह आसन उपयोगी है।