27 वर्ष बाद भी पीएचसी को नहीं मिली तरक्की
सुरेश कौशल योल श्री चामुंडा मंदिर के समीप बड़ोई गांव में चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क
सुरेश कौशल, योल
श्री चामुंडा मंदिर के समीप बड़ोई गांव में चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा 27 वर्ष बीतने के बाद भी नहीं बढ़ा है, जिसके लिए पिछले कई वर्षो से 52 गांवों के लोगों ने दर्जा बढ़ने की उम्मीद लगा रखी है, लेकिन सरकार की अनदेखी आड़े आ रही है। सिद्धबाड़ी से लेकर श्री चामुंडा के बीच 34, हजार, 907 की आबादी इस स्वास्थ्य केंद्र के तहत आती है, लेकिन दुख तो इस बात का है कि इतने वर्षो से मात्र एक चिकित्सक के सहारे चल रही पीएचसी में इंडोर सुविधा न होने से अकसर लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए दूरदराज के क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला और सीएचसी नगरोटा बगवां का रुख करना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तर्ज पर बड़ोई स्थित पीएससी को दस बेड के अस्पताल का दर्जा दिया जाए। हमारा सबसे पहला कार्य पंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से बड़ोई स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी का दर्जा प्रदान करना रहेगा, ताकि समीपवर्ती गांवों के लोगों को इंडोर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। -इंदु बाला, प्रधान पधर पंचायत। बड़ोई पीएचसी के तहत मौजूदा समय में 52 गांव आते हैं, लेकिन इंडोर सुविधा न होने से लोगों को आपातकालीन सेवाओं के लिए दूरदराज के अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
-सरोज कुमारी।
सरकार से पीएससी बड़ोई में सीएचसी जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए गुहार लगाई जाएगी, ताकि मरीजों को दूर न जाना पड़ा।
-सोनू देवी। बड़ोई पीएचसी के अंतर्गत 34 हजार की आबादी आती है। यहां दस बेड के अस्पताल की आवश्यकता है। सरकार को इस ओर ठोस कदम उठाने चाहिए।
-जगदीश चंद। पीएससी बड़ोई से संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
-विशाल नैहरिया, विधायक धर्मशाला।