हिमाचल में 750 करोड़ रुपये से स्थापित होगा फार्मा पार्क, एक हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
Himachal Pharma Park मेसर्स जेएजीएस फार्मा प्राइवेट लिमिटेड एपीआइ और कैप्सूल शेल निर्माण के लिए फार्मा पार्क स्थापित करेगा। 750 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनी एक हजार लोगों को रोजगार देगी। 750 करोड़ के प्रस्तावित निवेश से 1000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pharma Park, मेसर्स जेएजीएस फार्मा प्राइवेट लिमिटेड एपीआइ और कैप्सूल शेल निर्माण के लिए फार्मा पार्क स्थापित करेगा। 750 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनी एक हजार लोगों को रोजगार देगी। उद्योग निदेशालय में जेएजीएस फार्मा कंपनी के निदेशक अमनदीप सिंह, जसपिंदर सिंह, गगनीत सिंह और करण आहूजा के माध्यम से निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति के माध्यम से एपीआइ और कैप्सूल शेल निर्माण और निर्माण और संबद्ध गतिविधियों से युक्त फार्मा पार्क की स्थापना के लिए हिमाचल सरकार के साथ समझौता किया है। लगभग 750 करोड़ के प्रस्तावित निवेश से 1000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इस फार्मा पार्क के लिए करीब 20-30 एकड़ जमीन की जरूरत है। परियोजना के साथ 8-10 सहायक इकाइयों के भी आने की उम्मीद है। प्रमोटर 20 वर्षों से हिमाचल में पहले से ही विभिन्न फार्मास्युटिकल फार्मूलेशन और संबद्ध उद्योग चला रहे हैं।
यह उल्लेख करना उचित है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहले ही बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बोली जमा कर दी है, जिसका मूल्यांकन भारत की डीओपी सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा 850 करोड़ के निवेश के साथ किनवन फार्मा पार्क भी नालागढ़ में विकसित किया जा रहा है जो देश में एंटीबायोटिक आवश्यकता की 57 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा करेगा। फार्मास्युटिकल्स विभाग भारत सरकार ने पहले ही उत्पादन से जुड़ी योजना के तहत मेसर्स किनवन फार्मा परियोजना को मंजूरी दे दी है।
चार हजार टन दवा उत्पादन होगा
इस पार्क की अनुमानित एपीआइ क्षमता 4000 टन विभिन्न अणुओं की होगी। जिसमें दर्द निवारक एंटीबायोटिक्स, एंटी डायबिटिक, कार्डियो वैस्कुलर आदि शामिल हैं और यह स्थानीय फार्मूलेशन उद्योग के लिए एक बड़ा वरदान होगा।