बीस भादो में संगम स्थल पर लोग शारीरिक दूरी बना कर रहे स्नान,है मान्यता स्नान करने से दूर होते हैं चर्म रोग
जिला कुल्लू में बीस भादो के पर्व पर इस बार लोगों ने शारीरिक दूरी नियम के साथ संगम स्थल पर स्नान किया।
भुंतर, जेएनएन। जिला कुल्लू में बीस भादो के पर्व पर इस बार लोगों ने शारीरिक दूरी नियम के साथ संगम स्थल पर स्नान किया। कोरोना काल के कारण हालांकि लोगों की भीड़ कम नजर आई। लोगों के मुताबिक बीस भादो में नदी में स्नान करने से कई प्रकार के चर्म रोग भी ठीक होते हैं इसलिए लोगों की भीड़ लगी रहती है। आज कुल्लू के साथ लगते भुंतर के जीया स्थित पवित्र संगम स्थल में सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हुआ। इसके अलावा ब्यास व पार्वती नदी के लोग पवित्र संगम स्थल पर स्नान करते हुए देखे गए हैं। हालांकि इन पवित्र संगम स्थलों पर हर वर्ष देवी- देवता अपने हारियानों सहित शाही स्नान को जाते थे पर इस बार नहीं जा पाए। यहां पर देवी- देवता अपनी शक्तियों को अर्जित करते थे। इस वर्ष कारोना महामारी के कारण देवी देवताओं के कारकूनो ने शाही स्नान न करने का फैसला पहले ही ले लिया था। इस कारण आज कोई भी देवी देवता स्नान को जाता हुआ दिखाई नहीं दिया। इसके अलावा गड़सा घाटी के झूणी, शौठ, निहारगण में भी लोगों ने नदी के किनारे स्नान किया। धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण में बीस भादो पर कोई भीड़ नहीं जुटी। यहां पर भी सुबह से ही लोगों का क्रमवार आना जाना लगा रहा। यहां पर लोगों ने गर्म पानी के चश्मों में स्नान किया। साथ ही कुछ लोग मणिकर्ण घाटी के बरशैणी, खीरगंगा में पवित्र स्थलों पर शाही स्नान किया गया। मान्यता के अनुसार भादो महीने में जगलों में जड़ी बुटियां तैयार हो जाती है इन जड़ी बुटियों में कई प्रकार के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। यह औषधीय गुण पानी में मिल जाते हैं जिस कारण नदी नालों में स्नान करने से उनका लाभ मिलता है।