पालमपुर में ग्रामीणों व नगर परिषद में हुआ विवाद
palampur garbage issue, पिछले डेढ साल से बंद नगर परिषद के कूड़ा संयंत्र का दोबारा शुरू करने की मुहिम को एक बार फिर ग्रामीणों के कोप भाजन का सामना करना पड़ गया है। ग्रामीण किसी भी
जेएनएन, पालमपुर। पिछले डेढ़ वर्ष से बंद पड़े नगर परिषद पालमपुर के कूड़ा संयंत्र को दोबारा शुरू करने की मुहिम को झटका लगा है। बंदलावासियों ने कूड़ा संयंत्र को चालू करने से साफ इन्कार कर दिया है। मंगलवार को नगर परिषद अध्यक्ष राधा सूद सहित चार पार्षदों ने कार्यकारी अधिकारी व अन्य कर्मचारियों के साथ कूड़ा संयंत्र में जाकर गेट तोड़ने का प्रयास किया।
हालांकि नगर प्रशासन के आग्रह पर पुलिस जवान भी मौके पर तैनात थे। इस दौरान जैसे ही नगर परिषद कर्मियों ने ताला तोड़कर गेट तोड़ा तो इस बाबत सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और विरोध किया। इस दौरान अध्यक्ष राधा सूद, पार्षद भूपेश कुमार, मनोनीत सदस्य सचिन वर्मा, राकेश गिल और गगन ¨सह ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया पर वे टस से मस नहीं हुए। नगर परिषद पदाधिकारियों का कहना था कि पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने सरकार को सभी कूड़ा संयंत्रों को शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत मंगलवार को नगर परिषद ने विवाद की संभावना के मद्देनजर पुलिस बल की मांग की थी। नगर परिषद ने कूड़ा संयंत्र पर दो करोड़ रुपये खर्च किए हैं और यहां अन्य मशीनरी लगाई जाएगी। सहन नहीं होगा कूड़ा संयंत्र पंचायत प्रधान विजय भट्ट ने आरोप लगाया कि डीसी के आदेश के बावजूद नगर परिषद अध्यक्ष, पार्षदों व कर्मियों ने जबरदस्ती गेट को तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया है। साथ ही वे गेट को तोड़कर साथ ले जा रहे थे। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने नगर प्रशासन को पहले से पड़े कूड़े को सही करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि कचरे की बदबू से लोग परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि पंचायत में कूड़ा संयंत्र किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगले आदेश तक रोकी कार्रवाई नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ललित कुमार ने बताया कि सरकार के आदेश पर मंगलवार को नगर परिषद अध्यक्ष व पार्षदों के साथ मौके पर गए थे। इस दौरान सफाई कार्य किया जाना था पर ग्रामीणों के विरोध में इस कार्य को नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के कारण कार्रवाई को अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
उधर, नगर परिषद अध्यक्ष राधा सूद ने बताया कि डीसी कांगड़ा के आदेशानुसार नगर परिषद के कुछ प्रतिनिधियों के साथ कूड़ा संयंत्र का दौरा कर सुविधाएं जांचनी थी। कमियों को दूर करने के लिए गई टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा है। आगामी आदेश पर ही कार्रवाई की जाएगी।