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ढाई घंटे अटकी रही लाहुली ग्रामीणों की सांसें, रुका रहता चंद्रभागा का पानी तो जम्‍मू कश्‍मीर को भी होती परेशानी

हिमाचल प्रदेश की लाहुल घाटी में सुबह नौ बजे के लगभग दरकी पहाड़ी के चलते चंद्रभागा नदी बांध का रूप लेने लगी तो ग्रामीणों को आभास हुआ कि वे खतरे में हैं। ढाई घंटे के बाद पानी चला तो उन्‍हें राहत मिली।

By Navneet ShramaEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 04:09 PM (IST)
ढाई घंटे अटकी रही लाहुली ग्रामीणों की सांसें, रुका रहता चंद्रभागा का पानी तो जम्‍मू कश्‍मीर को भी होती परेशानी
लाहुल घाटी में पहाड़ों के दरकने से रुकी चंद्रभागा नदी चली तो मिली राहत।

मनाली, जसवंत ठाकुर

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मामला एक नदी के रुकने का था। नदी जब रुकती है तो जीवन रुकता ही नहीं, संकट में आता है। लाहुल की पट्टन घाटी में चंद्रभागा नदी पर दरके पहाड़ों ने नदी का प्रवाह रोक दिया था। एक गांव है जसरथ। वहां के बाशिंदों की सांसें ढाई घंटे तक रुकी रहीं। दो गांव तो बिलकुल खतरे की जद में थे।

नौ बजे बांध में बदलने लगी नदी

सुबह नौ बजे के लगभग दरकी पहाड़ी के चलते शुरुआत में तो ग्रामीणों को समझ ही नही आया लेकिन 15 मिनट बाद जब नदी बांध का रूप लेने लगी तो ग्रामीणों को आभास हुआ कि वे खतरे में पड़ गए हैं। गांव में हड़कंप मच गया। कुछ लोग गांव खाली करने की बात करने लगे तो कुछ ने ऊंची पहाड़ी की ओर शरण लेने की सोची। जैसे जैसे नदी डैम का रूप लेने लगी वैसे वैसे ग्रामीणों की भी धड़कने अटकने लगी।

जुंडा गांव के चार घर पानी में डूबने की जैसे ही ग्रामीणों को जानकारों मिली तो वे और अधिक बेचैन हो उठे। ग्रामीण दिनेश, विवेक व राहुल ने बताया कि जब तक नदी ने अपना रास्ता नहीं बना लिया तब तक समस्त ग्रामीणों की सांसें अटकी रही। कुछ ग्रामीण घर छोड़कर दूसरे गांव की ओर चले गए जबकि अधिकतर ने ऊंची पहाड़ी की ओर जाने की योजना बनाई। पानी द्वारा रास्ता बनाने की खबर मिलते ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

मुख्‍यसचिव, डीजीपी ने मंत्री समेत भरी उड़ान

मुख्‍य सचिव राम सुभाग सिंह, डीजीपी संजय कुंडू को लेकर मंत्री रामलाल मारकंडे ने मौकादेखने के लिए उड़ान भरी लेकिन मौसम ने उनका रास्‍ता रोका। तब तक हालात सामान्‍य होने लगे थे। बाद में वे मौके पर सड़क मार्ग से पहुंचे। कुछ गांव खाली भी करवाए गए थे।

जम्‍मू कश्‍मीर तक जाती है चंद्रभागा लेकिन नाम बदल कर

बारालाचा दर्रे से निकलने वाली चंद्रभागा वास्‍तव में दो नदियां हैं। तांडी केपास दोनों एक हो जाती हैंऔर नाम हो जाता है चंद्रभागा। चंबा जिले के पांगी से निकल कर जैसे ही जम्‍मू-कश्‍मीर में प्रवेश करती है, इसका नाम चेनाब हो जाता है। डोडा किश्‍तवाड़ से यह रामबन,अखनूर और राजौरी होते हुए पाकिस्‍तान के पंजाब में बहावलपुर तक जाती है।


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