27 को जिला कांगड़ा की जेसीसी बैठक में न बुलाए जाने पर पेंशनर्स संघ ने जताया रोष
जिला कांगड़ा पेंशनर्स संघ ने खेद जताया है कि प्रदेश सरकार द्वारा 27 नवंबर को जेसीसी की बैठक बुलाई है लेकिन इस बैठक में पेंशनर्स के किसी भी प्रतिनिधि को ना बुलाकर सरकार ने पेंशनर्स संघ की अनदेखी की है जिसको लेकर उनमें में सरकार के खिलाफ रोष है।
कांगड़ा, संवाद सहयोगी। जिला कांगड़ा पेंशनर्स संघ ने खेद जताया है कि प्रदेश सरकार द्वारा 27 नवंबर को जेसीसी की बैठक बुलाई है लेकिन इस बैठक में पेंशनर्स के किसी भी प्रतिनिधि को ना बुलाकर सरकार ने पेंशनर्स संघ की अनदेखी की है जिसको लेकर उनमें में सरकार के खिलाफ रोष है। जिला कांगड़ा पेंशनर्स संघ के प्रेस प्रवक्ता ओपी गुलेरिया ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पेंशनर्स की लंबी मांगे सरकार के समक्ष पड़ी हुई है परंतु सरकार द्वारा आज तक इन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही पेंशनरों की जेसीसी गठित की गई।
उन्होंने कहा जिला कांगड़ा पेंशनर्स संघ यूनिट कांगड़ा के प्रधान पीएस धना, कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों आर एल भानियारी, अमर सिंह, करतार सिंह, मोहिंदर सिंह, पीएस पड्डा, एचसी गुलेरी सहित अन्य सदस्यों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि 27 नवंबर को होने वाली जेसीसी की बैठक में पेंशनर्स संघ के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाए अन्यथा पेंशनरों की अलग से जेसीसी गठित की जाए। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स की अलग से जेसीसी गठित करके सरकारी और विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फार्म के सदस्यों को भी बुलाया जाए ताकि सरकार द्वारा पेंशनर्स की लंबित मांगों पर उचित निर्णय लिया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में पेंशनर्स का बहुत बड़ा योगदार रहा है और अब भी वे समाज सेवा में कई तरह से जुड़े हैं। सरकार को बनाने में पेंशनर्स व कर्मचारियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्रदेश में डेढ़ लाख से ज्यादा पेंशनर्स व ढाई लाख से ज्यादा कर्मचारियों का परिवार है। इस लिए सरकार को पेंशनर्स की मांगों को प्रमुखता से हल करना चाहिए। 27 को जेसीसी की बैठक में पेशनर्स को न बुलाने पर जिला कांगड़ा पेंशनर संघ में रोष है।