वेतन विसंगति दूर होने की उम्मीद
छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के संबंध में कर्मचारी वर्ग में पैदा हुई भ्रांतियां दूर करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी शामिल होंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के संबंध में कर्मचारी वर्ग में पैदा हुई भ्रांतियां दूर करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला स्थित ओक ओवर में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी ठाकुर के अलावा राज्य शिक्षक महासंघ के महामंत्री डा. मामराज पुंडीर, प्रवक्ता केसर सिंह, हेमराज ठाकुर व नरेश महाजन शामिल होंगे।
नया वेतन आयोग लागू होने के बाद हर वर्ग के कर्मचारी वर्ग की ओर से विरोध और नाराजगी जाहिर की जा रही है। शिक्षक 2011 की तर्ज पर वित्तीय लाभ चाहते हैं, जबकि कर्मचारी नए वित्तीय लाभ से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने स्वयं प्रदेश के कर्मचारियों और वेतन संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति की पहली बैठक रविवार को 12 बजे शुरू होगी। दो दिन पहले कर्मचारियों के तीसरे संगठन का वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए किया गया था। इस कर्मचारी संगठन ने सचिवालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना को आठ सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। इसमें वेतन विसंगतियों संबंधी सभी समस्याओं का समाधान निकल जाएगा।
ओकओवर में सीएम ने की अतिरिक्त मुख्य वित्ता सचिव से चर्चा
शिमला स्थित सरकारी निवास ओक ओवर में अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बंद कमरे में सात मिनट की मुलाकात की। पता लगा है कि इस दौरान सक्सेना ने सीएम को कर्मचारी संगठनों की ओर से दिए मांग पत्रों के संबंध में अवगत करवाया। सक्सेना ने मुख्यमंत्री से तीन फाइलों को लेकर चर्चा की और हस्ताक्षर करवाए। इनकी मुलाकात के दौरान वरिष्ठ मंत्री महेंद्र ङ्क्षसह ठाकुर व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी बाहर बैठे थे।
छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद प्रदेश के कर्मचारियों से रिकवरी नहीं होगी। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों से रिकवरी न करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को बेशक राहत मिली हो, मगर अब भी वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद 2.25 व 2.59 के मैट्रिक्स को अपनाने को लेकर कर्मचारी दुविधा में हैं। इसके साथ ही वेतन विसंगतियों का मामला लगतार उलझता जा रहा है। नए वेतनमानों के तहत वेतन निर्धारण को लेकर भी अभी डीडीओ को सबसे अधिक काम करना है। छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सरकार ने बीते दिसंबरमें फैसला लिया।
फैसले के तहत कर्मचारियों को जनवरी 2016 से पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन मान मिलने हैं। पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद खजाने पर पडऩे वाले आर्थिक दवाब को कम करने के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को 2017 से अंतरिम राहत देने का फैसला लिया था। पहले वीरभद्र सरकार तथा इसके बाद जयराम सरकार ने अंतरिम राहत कर्मचारियों को दी। कर्मचारियों को 21 प्रतिशत अंतरिम राहत मिल चुकी है। अंतरिम राहत मिलने के बाद कर्मचारियों के कई वर्गों के वेतन में मामूली वृद्धि होने से उन्हें रिकवरी का खतरा हो रहा है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि कर्मचारियों से रिकवरी न करने को लेकर फैसला सरकार ले चुकी है। सरकार के किसी भी कर्मचारी से किसी प्रकार की रिकवरी नहीं होगी।
सार्वजनिक उपक्रमोंं के बारे में कोई निर्णय नहीं
बोर्डों व निगमों को संशोधित वेतनमान कब से मिलेंगे इसे लेकर इनके निदेशक मंडल व प्रबंधकों को फैसला लेना है। अधिकांश बोर्डों व निगमों के घाटे में होने की वजह से इनके कर्मचारियों को संशोधित वेतन मानमिलने में विलंब हो सकता है।