राज्यपाल आर्लेकर बोले, प्रदेश में नशे के खिलाफ आगे आएं सामाजिक संगठन
सामाजिक समरसता और संगठनात्मक एकता ही हमारे राष्ट्र की पहचान है। समाज का नेतृत्व सामाजिक संगठन ही करते हैं क्योंकि उनकी बात ही समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचती है। राजाÓ को दंड देने का कार्य सामाजिक संगठन कर सकते हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। सामाजिक समरसता और संगठनात्मक एकता ही हमारे राष्ट्र की पहचान है। समाज का नेतृत्व सामाजिक संगठन ही करते हैं क्योंकि उनकी बात ही समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचती है। 'राजाÓ को दंड देने का कार्य सामाजिक संगठन कर सकते हैं। नशे के खिलाफ सामाजिक संगठन एकजुट हो जाएं तो इस बीमारी को जड़ से मिटाया जा सकता है। यह बात राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रविवार को राजभवन में विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ विशेष विचार-विमर्श सत्र के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र सबके मन में है और राष्ट्र निर्माण के लिए सभी प्रयत्नशील हैं। उन्होंने खुशी जताई कि भावी पीढ़ी के विकास के लिए संस्कार देने का काम सभी संगठन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग कर हम आपस में जुड़ सकते हैं। हमें समाज के लिए कुछ करना है और इस कार्य में और गति लाने की जरूरत है। आज का युवा नशे की चपेट मेें है। उसे बचाने के लिए सभी को चिंता करने की आवश्यकता है। भावी पीढ़ी को इस बुराई से बचाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना है, इसी में राष्ट्र का हित है।
विचार-विमर्श सत्र के दौरान सभी संगठनों ने अपने स्तर पर किए जा रहे सामाजिक कार्यों से राज्यपाल को अवगत करवाया। उन्होंने कोरोनाकाल में किए विशेष कार्यों का उल्लेख भी किया। ज्यादातर प्रतिनिधियों ने सामाजिक समरसता व मिलजुलकर सक्रिय तौर पर कार्य करने का सुझाव दिया।