फुटपाथ पर पार्किंग और सजती हैं दुकानें
परवाणू शहर में फुटपाथ की जगह पार्किंग स्थल बन गए हैं। शहर की गलियों व सड़कों से गुजरने वाले लोगों को हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है। फुटपाथ न होने के कारण परवाणू में अकसर हादसे भी होते रहते हैं।
मनमोहन संधू, परवाणू। परवाणू शहर में फुटपाथ की जगह पार्किंग स्थल बन गए हैं। शहर की गलियों व सड़कों से गुजरने वाले लोगों को हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है। फुटपाथ न होने के कारण परवाणू में अकसर हादसे भी होते रहते हैं। नगर परिषद परवाणू में कई उद्योग हैं। इन उद्योगों में हजारों कर्मचारी काम कर रहे हैं। अधिकतर कर्मचारी व मजदूर पैदल आना-जाना करते हैं। सुबह व शाम शहर के प्रमुख मार्ग पर पैदल चलने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक रहती है। कालका-शिमला मुख्य मार्ग पर कोई भी फुटपाथ नहीं है। सड़क के किनारे या तो वाहन पार्क रहते हैं या फिर रेहड़ी आदि लगी होती हैं। सबसे अधिक खतरा परवाणू चौक पर रहती है। यहां पर तीन तरफ से वाहन आते हैं।
फुटपाथ न होने के कारण पैदल चलने वाले लोगों को दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। बिल्कुल ऐसे ही हालात नगर परिषद कार्यालय मार्ग के हैं। यहां भी सड़क 10 मीटर चौड़ी है, लेकिन दोनों तरफ या तो वाहन पार्क रहते हैं या फिर दुकानों के बाहर सामान सजा होता है। पैदल चलने वाले लोगों को रास्ते ही नहीं हंै। इसके अलावा ग्रेब्रियल रोड, कसौली मार्ग पर फुटपाथ की जगह पार्किंग बन चुकी है। सड़क के दोनों तरफ अकसर वाहन पार्क रहते हैं। जो जगह बच जाती है उन पर स्थानीय दुकानदारों का कब्जा है। ऐसे में इन मार्ग से लोग जान जोखिम में डाल कर गुजरते हैं। हैरानी की बात है कि परवाणू शहर में नगर परिषद आज तक एक भी फुटपाथ का निर्माण नहीं करवा पाई है। अतिक्रमण हटाए जाने के नाम पर औपचारिकता ही पूरी की जाती है। आज तक किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए वेंङ्क्षडग जोन बनाया जा रहा है जहां पर इन सभी को शिफ्ट कर दिया जाएगा। नगर परिषद शहर में फुटपाथ का निर्माण करेगी जहां पर जरूरत होगी। समय-समय पर अतिक्रमण भी हटाया जाता है।
-निशा शर्मा, अध्यक्ष नगर परिषद
सड़कों के किनारे पार्क किए गए वाहनों के चालान काटे जाते हैं। इस बारे में पुलिस द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है।
-योगेश रोल्टा, डीएसपी परवाणू