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मां की दुआ व बेटे की मेहनत लाई रंग, रजत पदक जीतने पर हिमाचल के बदायूं गांव में जश्‍न

Tokyo Para Olympic 2021 हिमाचल के अम्ब मुख्यालय से सटे बदायूं गांव के होनहार पैरा एथलीट निषाद कुमार के जीवन में आज सबसे बड़ा दिन था। टोक्यो पैरा ओलिंपिक में होने वाले अपने जीवन के सबसे बड़े हाईजंप के मुकाबले में देश के लिए रजत पदक जीता।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 11:53 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 06:04 PM (IST)
रजत पदक जीतने के बाद निषाद कुमार।

अम्ब, अजय टबयाल। Tokyo Para Olympic 2021, हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के अम्ब मुख्यालय से सटे बदायूं गांव के होनहार पैरा एथलीट निषाद कुमार के जीवन में आज सबसे बड़ा दिन था। टोक्यो पैरालिंपिक में अपने जीवन के सबसे बड़े हाईजंप के मुकाबले में उन्‍होंने रजत पदक अपने नाम किया। उन्‍होंने 2.06 मीटर का हाई जंप लगाया। अमेरिका के राडरिक टाउनसेंट ने 2.15 मीटर का जंप लगाकर गोल्‍ड मेडल जीता।

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निषाद ने एक ग्रामीण परिवेश से निकलकर बेंगलुरु कोचिंग कैंप में जो महीनों तक कड़ी मेहनत की है उस मेहनत का फल मिल गया है। टोक्यो पैरालिंपिक में दोपहर बाद 3:30 बजे पैरा एथलीट निषाद कुमार का टी-43 श्रेणी के हाईजंप का मुकाबला था। निषाद के सिल्‍वर मेडल जीतने से घर में खुशी का माहौल है।

ओलिंपिक में निषाद से गोल्ड मेडल की उम्मीद लगाए बैठे मां सहित सभी लोग उनके लिए दुआएं मांग रहे थे। सुबह से ही निषाद के घर में चहल पहल का माहौल था। घर में रिश्तेदारों का भी आना शुरू हो गया था। दोपहर बाद 3:30 बजे हुए निषाद के मुकाबले को देखने के लिए स्वजनों ने घर में खास तैयारी कर रखी थी।

स्वजन, रिश्तेदार और गांव वाले सभी एक साथ बैठकर अपने होनहार बेटे निषाद का मुकाबला देख रहे थे। निषाद की मां पुष्पा देवी का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा था कि उनका बेटा निषाद ओलंपिक में सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्‍होंने बेटे के सिल्‍वर मेडल जीतने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि निषाद की जीत के लिए उन्होंने गांव के ठाकुरद्वारा में परिवार के साथ श्रीसत्यानारायण का पाठ करवाया है।

उधर, निषाद की मौसी सुनीता का कहना है कि निषाद एक प्रतिभाशाली बच्चा है बचपन में मशीन में उसका एक हाथ कट जाने के बाद भी उसने हौसला नहीं हारा। निषाद ने पढाई करने के साथ-साथ खेलों में भी अपने आपकों समर्पित कर दिया उसी का नतीजा है कि आज उनका भानजा निषाद सिल्‍वर मेडल जीता है। बकौल निषाद की मौसी सुनीता उन्हें पूरा यकीन था कि निषाद आज के मुकाबले में गोल्ड मेडल जीतेगा, लेकिन सिल्‍वर मेडल जीतना भी किसी से कम नहीं है।

उधर, प्रदेश के सीएम ने खेल विभाग के अधिकारियों के माध्यम से उनके स्वजनों को प्रशंसा पत्र भेजकर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए पैरा ओलिपिक में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की आशा व्यक्त की थी। खेल मंत्री राकेश पठानिया ने भी खुद फोन पर बात करके उन्हें आज के मुकाबले के लिए शुभकामनाएं दी थी।


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