यहां पानी का एक कनेक्शन लेने के लिए करना पड़ रहा 800 किलोमीटर का सफर, पढ़ें पूरी खबर
जिला चंबा की पांगी घाटी में नल का कनेक्शन लेने के लिए पहले 800 किलोमीटर का लंबा चक्कर काटना पड़ेगा।
पांगी, जेएनएन। जिला चंबा की पांगी घाटी में नल का कनेक्शन लेने के लिए पहले 800 किलोमीटर का लंबा चक्कर काटना पड़ेगा। जी हां आजकल पांगी घाटी के हर गली चौराहे पर आजकल बस ऐसी ही चर्चा है। हाल ही में प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय ने घाटी के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा पांगी घाटी में आइपीएच का कार्यभार आइपीएच मंडल तीसा (भंजराड़ू) को सौंपा गया है। ऐसे में घाटी के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
पांगी के लोगों को 800 किलोमीटर दूर आइपीएच के तीसा (भंजराड़ू) डिवीजन से जोडऩा किसी भी सूरत में स्थानीय लोगों के हित में नहीं है। पांगी घाटी को 1986 में एकल प्रशासन प्रणाली के तहत लाकर के जल विभाग के अधिशाषी अभियंता का कार्यभार लोकनिर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को सौंप गया था, ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो। साथ ही विकास कार्यों में रुकावट पैदा न हो सके। सरकार ने पहले साच में 2003 में सिचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग का सब डिवीजन खोला, लेकिन तीन साल के बाद बंद कर दिया गया। इसके बाद यहां पर लोनिवि अधिशाषी अभियंता ही आइपीएच का कार्यभार संभालते थे। लेकिन, अब समस्याएं काफी बढ़ गई हैं।
हिमाचल प्रदेश के पिछड़े जिला चंबा का जनजातीय क्षेत्र पांगी। बर्फबारी के दौरान यह क्षेत्र शेष दुनिया से पूरी तरह कट जाता है।
सरकार ने दिया जोदार झटका
दिसंबर में कड़ाके की ठंड में पांगी घाटी के लोगों को सरकार ने जोरदार का झटका दिया है। पांगी में पेयजल संकट को हल करने के स्थान पर सरकार ने पांगी से सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग का डिवीजन ही भंजराड़ू में स्थानांतरित कर लोगों की समस्या और बढ़ा दी हैं। 800 किलोमीटर का सफर तय कर कैसे आम आदमी तीसा (भंजराड़ू) पहुंचेगा। -सतीश शर्मा, उपप्रधान किलाड़ पांगी।
सरकार के फैसले का परिणाम भुगत रहे लोग
सड़क, स्वास्थ्य, जल और शिक्षा किसी भी क्षेत्र के लिए जरूरी है। लेकिन, प्रदेश सरकार को शायद इन सबसे कोई सरोकार नहीं है। यह सरकार के इस निर्णय से साबित हो गया है। पांगी के लोगों को जल से संबंधित कार्य करवाने के लिए वाया जम्मू कश्मीर से 800 किलोमीटर का सफर करके एक कोने से दूसरे कोने तीसा (भंजराड़ू) डिवीजन में जाना पड़ेगा। -नील चंद ठाकुर, पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष पांगी।
सीएम से उठाएंगे मसला
पांगी घाटी को सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग तीसा डिवीजन के साथ जोडऩे लिए सरकार द्वारा कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया है। इसकी नोटिफिकेशन नहीं हुई है। इसके बारे में विधायक के साथ मिलकर मुख्यमंत्री तथा जनस्वास्थ्य मंत्री से बातचीत करके यथावत रखा जाएगा। पांगी घाटी में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग का अलग डिवीजन खोलने की सरकार से मांग करेंगे। तीसा (भंजराड़ू) से पांगी का कार्य नहीं देखा जा सकता है। विधायक जियालाल से भी बात हो चुकी है। -योगराज शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष चंबा।