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हिमाचल के जांबाज ने जन्‍मदिन पर पाई शहादत, भूटान हेलीकॉप्‍टर हादसे में गई जान Kangra News

जांबाज के घर सुबह खुशियों का माहौल था मौका था जन्मदिवस का लेकिन सूरज ढलने के साथ ही ऐसी बुरी खबर आई कि पूरे घर के साथ-साथ क्षेत्र में मातम छा गया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 09:47 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 10:02 AM (IST)
हिमाचल के जांबाज ने जन्‍मदिन पर पाई शहादत, भूटान हेलीकॉप्‍टर हादसे में गई जान Kangra News
हिमाचल के जांबाज ने जन्‍मदिन पर पाई शहादत, भूटान हेलीकॉप्‍टर हादसे में गई जान Kangra News

पालमपुर, कुलदीप राणा। जांबाज के घर सुबह खुशियों का माहौल था, मौका था जन्मदिवस का, लेकिन सूरज ढलने के साथ ही ऐसी बुरी खबर आई कि पूरे घर के साथ-साथ क्षेत्र में मातम छा गया। पालमपुर के निकटवर्ती गांव मारंडा में सुलह विधानसभा क्षेत्र के ननाओं गांव से आकर बसे एयरफोर्स व रेलवे से सेवानिवृत्त मुख्त्यार सिंह परमार के बड़े बेटे लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश की भूटान में हैलीकाॅप्टर क्रैश होने से मौत हो गई। जैसे ही यह समाचार परिवार के सदस्यों को मिला तो पूरा दिन रजनीश के जन्मदिन की खुशियों पर पानी फिर गया और पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया।

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जानकारी के मुताबिक लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार असम के मीसामारी में तैनात थे। शुक्रवार को रजनीश ने नेपाल के एक पायलट को चीता हैलीकाप्टर में प्रशिक्षण देने के लिए उड़ान भरी थी। मगर ईस्ट भूटान के यंगफूला एयरपोर्ट पहुंचने से पहले ही चीता हैलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और दोनों पायलट की मौत हो गई। यह सूचना रजनीश के चाचा वेद परमार ने परिजनों को मारंडा पहुंच कर सायं पांच बजे दी। घटना की सूचना मिलते ही मारंडा में रिश्तेदार व पड़ोसी पहुंचने लगे। शनिवार को कर्नल परमार की पार्थिव देह पहुंचने की बात कही जा रही है।

असम के मीसामारी में तैनात थे कर्नल रजनीश

कर्नल रजनीश परमार असम के मीसामारी में तैनात थे। दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई की थी। बीबीए करने के बाद 1998 में उन्होंने सीडीएस के तहत कमीशन पास किया। 2000 में पासआउट होकर पहली पोस्टिंग 75 आर्मड रेजीमेंट में हुई। उसके बाद आठ वर्ष तक वह आर्मी एवीऐशन कोर में पायलट के तौर पर कार्यरत थे और वहां पर प्रशिक्षण दे रहे थे। लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार के पिता मुखत्यार सिंह परमार ने भी भारतीय वायु सेना में जूनियर वारंट ऑफिसर के पद से 2000 में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली और उसके बाद भारतीय रेलवे में सेवाएं देते हुए 2012 में सेवानिवृत्त हुए। दो भाईयों में कर्नल रजनीश बड़े थे जबकि छोटा भाई निखिल भी भारतीय सेना की ईएमई में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल सेवाएं दे रहे हैं। लेफ्टिनेंट रजनीश परमार की पत्नी हिना परमार वर्तमान में 11 वर्षीय बेटे अभीराज सिंह परमार को राजस्थान के बीकानेर में अपने मायके में पढ़ा रही है।


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