पशुशाला में बेबसी से पाला
उप तहसील कोटला की न्यांगल पंचायत की बबली देवी पशुशाला में अपने दो बच्च
जीवन कुमार, कोटला
उप तहसील कोटला की न्यांगल पंचायत की बबली देवी पशुशाला में अपने दो बच्चों के साथ जिंदगी काट रही है। पशुशाला के आधे हिस्से में पशु और दूसरे हिस्से में वह और उसके बच्चे रहते हैं। मुश्किलों से जूझते इस परिवार की अभी तक किसी ने सुध नहीं ली है और योजनाओं का ताना-बाना भी अच्छा बसेरा नहीं दिला पाया है।
बबली देवी के पति रमेश चंद की करीब नौ साल पहले मौत हो चुकी है और दोनों बच्चे अभी छोटे हैं। उसके पास आय का कोई साधन नहीं है। दूध बेचकर या दिहाड़ी लगाकर बच्चों व खुद का पेट भरती है। उसकी जिदगी नरक से कम नहीं है। पंचायत न तो उसे बीपीएल में कर पाई और न ही आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाकर दे पाई। हालांकि बबली देवी ने कई बार पंचायत के समक्ष अपना दुखड़ा रोया। वह कहती है कि सरकार गरीबों के हित में कई योजनाएं चलाती है लेकिन पंचायत स्तर यह योजना चहेतों तक सीमित है। प्रशासन को भी अवगत करवाया गया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। उसने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, विधायक जवाली अर्जुन सिंह व जिलाधीश कांगड़ा डा. निपुण जिदल से मांग की है कि उसकी सहायता की जाए ताकि अपने बच्चों को अच्छे से परवरिश कर सके।
उधर, न्यांगल पंचायत प्रधान चुनी लाल बताते हैं कि पहले त्रिलोकपुर पंचायत थी तथा इस समय पंचायत को अलग करके न्यांगल पंचायत बनाई गई है। बबली देवी के परिवार को इस बार ग्राम सभा की बैठक में बीपीएल सूची में डाला गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी उनका नाम भेजा है। जैसे ही ग्रांट मिलेगी, बबली देवी को पक्का मकान बनवा कर दिया जाएगा।