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मैरीकॉम, सुल्तान देख 17 साल की लड़की में जागा जुनून, अब उन्हीं की राह पर

17 साल की लड़की ने थोड़े समय में ही मिक्स मार्शल आ‌र्ट्स में दस पदक जीतकर हिमाचल का नाम गौरवान्वित किया है।

By Edited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 12:10 PM (IST)
मैरीकॉम, सुल्तान देख 17 साल की लड़की में जागा  जुनून, अब उन्हीं की राह पर
मैरीकॉम, सुल्तान देख 17 साल की लड़की में जागा जुनून, अब उन्हीं की राह पर

नूरपुर, प्रदीप शर्मा। डेढ़ साल पहले मैरीकॉम व सुल्तान फिल्म देखकर एक 17 साल की लड़की में ऐसा जुनून जागा कि उसने भी जीवन में बुलंदियां छूने की ठान ली। नतीजतन, आज इतने थोड़े समय में ही मिक्स मार्शल आ‌र्ट्स में दस पदक जीतकर भविष्य की स्वर्णिम नींव रख हिमाचल का नाम गौरवान्वित किया है।

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विकास खंड नूरपुर के तहत ठेहड़ पंचायत के छोटे से गांव कूट्ट की अनिता ठाकुर ने बिना आधारभूत सुविधाओं के एक साल में मिक्स मार्शल आ‌र्ट्स (एमएमए) में दस पदक जीतकर नूरपुर क्षेत्र का नाम प्रदेशभर में रोशन किया है। अनिता वर्तमान में राजकीय आर्य डिग्री कॉलेज नूरपुर में बीए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा हैं। मेहर सिंह की बेटी का रोचक सफर मिट्टी के अखाड़े से लेकर लोहे के रिंग तक पहुंच गया है।

19 वर्षीय अनिता हिमाचल की इकलौती मिक्स मार्शल आ‌र्ट्स महिला खिलाड़ी हैं। अनिता जूडो, बॉक्सिंग व रेसलिंग की माहिर हैं। वह कई राज्यस्तरीय और नेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर प्रदेश और क्षेत्र का नाम रोशन कर चुकी हैं। अनिता ने एक साल में तीन गोल्ड, एक सिल्वर व छह कांस्य पदक जीतकर प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अनिता का बैटम भार वर्ग (52-60 किलोग्राम भार वर्ग) में विश्व चैंपियन बनने का सपना है। इसके लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही हैं।

बकौल अनिता, हिमाचल की बेटियां कुछ भी कर सकती हैं बस उन्हें मौका मिलने की देर है। अनिता जल्द ही इंटरनेशनल चैंपियनशिप खेलने वाली हैं और एमटीवी सुपर फाइट लीग सीजन-3 में फाइट करते हुए नजर आएंगी। इन सबका श्रेय वह परिजनों को देती हैं, जिन्होंने उसकी परवरिश एक बेटी की तरह न कर बल्कि बेटे की तरह की और ¨जदगी में आगे बढ़ने का मौका दिया। खेलों के कारण आत्मविश्वास बढ़ा और कुछ करने का जुनून पैदा हो गया। अनिता के साथ और भी बच्चे एमएमए की ट्रे¨नग लेते हैं, पर सुविधाओं व सामान की कमी के कारण अच्छे से प्रैक्टिस नहीं कर पाते।

अनिता को एमसी मैरीकॉम व सुल्तान फिल्म देखने के बाद इस खेल में चैंपियन बनने की प्रेरणा मिली। अमित राणा के रूप में उसे एक होनहार कोच मिल गए। अमित राणा के प्रशिक्षण का ही यह परिणाम है कि आज अनिता इस मुकाम पर है। अनिता को सरकार की तरफ से सम्मानित तो किया गया है, लेकिन अभी तक सरकार अनिता सहित अन्य खिलाडि़यों को सुविधाएं मुहैया नहीं करवा सकी है। हालांकि नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने 51 हजार रुपये अनिता को भेंटकर प्रोत्साहित किया।

आर्थिक सहायता नहीं, सुविधाओं की जरूरत हमें सरकार से आर्थिक सहायता की इतनी जरूरत नहीं है जितनी ज्यादा जरूरत जरूरी सामान व रिंग की है। सरकार से बस यही अनुरोध है कि नूरपुर में एक बॉ¨क्सग ¨रग बनाया जाए, जहां पर हर लड़का-लड़की ट्रे¨नग ले सके और समय का सही उपयोग करके नशे जैसी कुरीतियों से बच सके। लड़कियों में आत्मविश्वास और आत्मरक्षा की भावना आ सके कि वे भी ¨जदगी में कुछ कर सकती हैं।

-अनिता, एमएमए फाइटर।


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