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आगजनी से निपटने के लिए नूरपुर अस्पताल तैयार, 58 अग्निशमन यंत्रों सहित फायर हाइड्रेंट किए स्थापित

अग्निकांड से निपटने के लिए नूरपुर अस्पताल ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। अस्पताल में करीब 58 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं वहीं अस्पताल परिसर में वकायदा फायर हाइड्रेंट भी लगाया गया है ताकि आपातकाल में आगजनी की घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 03:00 PM (IST)
आगजनी से निपटने के लिए नूरपुर अस्पताल तैयार, 58 अग्निशमन यंत्रों सहित फायर हाइड्रेंट किए स्थापित
अग्निकांड से निपटने के लिए नूरपुर अस्पताल ने तैयारी पूरी कर ली है।

नूरपुर, प्रदीप शर्मा। अग्निकांड से निपटने के लिए नूरपुर अस्पताल ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। अस्पताल में करीब 58 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं वहीं अस्पताल परिसर में वकायदा फायर हाइड्रेंट भी लगाया गया है ताकि आपातकाल में आगजनी की घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके। अस्पताल परिसर में ग्राउंड फ्लोर से लेकर हर मंजिल में अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं जबकि अस्पताल में फायर हाइड्रेंट भी लगाया गया है।

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200 बिस्तर वाले इस अस्पताल में रोजाना 500 से लेकर 600 लोग उपचार करवाने के लिए आते हैं जबकि इन समय 40 से 50 इंडोर रोगी अस्पताल में दाखिल होते हैं। कुलमिलाकर 58 अग्निशमन यंत्रों के साथ साथ फायर हाइड्रेंट पर अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा है। वहीं आगजनी से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कुछ स्थानों पर रेत से भरी लोहे की बालटियां भी रखी है ताकि आग बुझाने के लिए तुरंत रेत का उपयोग किया जा सके। फायर हाइड्रेंट जल शक्ति विभाग की मेन लाइन से जुड़ा हुआ है, आपातकाल में आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम अपनी गाड़ियों की पानी की पाइप तुरंत फायर हाइड्रेंट के साथ जोड़ देती है ताकि आग बुझाने के लिए पानी की कमी न आए। नूरपुर शहर में रविवार को मेन बाजार में हुई आगजनी की घटना से शहर के लोग सहमे हुए हैं लेकिन नूरपुर अस्पताल ने आगजनी की घटना से निपटने के लिए अपनी तैयारी कर ली है।

उधर सिविल अस्पताल नूरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डा. सुशील शर्मा ने बताया कि आगजनी की घटना से निपटने के लिए नूरपुर अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर के साथ साथ सभी मंजिलों में कुल 58 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं। अस्पताल में फायर हाइड्रेंट भी लगा हुआ है। अस्पताल में कुछ स्थानों पर रेत से भरी हुई लोहे की बालटियां भी रखी हुई है ताकि आपातकाल में आगजनी पर तुरंत काबू पाया जा सके।


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