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सेवानिवृत्ति के बाद 850 रुपये पेंशन में कैसे गुजारा करें एनपीएस कर्मचारी : संयुक्‍त मोर्चा

NPS Employees Union पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश ने मानसून सत्र के चलते एक बार फिर पेंशन के मुद्दे पर कमेटी बनाने की बात दोहराई। हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री पेंशन मुद्दे पर हमेशा ही न कहते आए हैं

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 01:38 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 01:38 PM (IST)
सेवानिवृत्ति के बाद 850 रुपये पेंशन में कैसे गुजारा करें एनपीएस कर्मचारी : संयुक्‍त मोर्चा
पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने एक बार फिर पेंशन के मुद्दे पर कमेटी बनाने की बात दोहराई।

पालमपुर, संवाद सहयोगी। पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश ने मानसून सत्र के चलते एक बार फिर पेंशन के मुद्दे पर कमेटी बनाने की बात दोहराई। हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री पेंशन मुद्दे पर हमेशा ही न कहते आए हैं, जबकि एनपीएस कर्मियों से वोट लेते समय इस मांग को पूरा करने का भरोसा दिया गया था कि आते ही एनपीएस की कमियों को जांचने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। लेकिन प्रदेश सरकार कमेटी तो दूर, केंद्र की 2009 की अधिसूचना भी लागू नहीं कर पाई है। जिसका एनपीएस कर्मियों में गहरा रोष है।

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राज्य अध्यक्ष ने कहा विधानसभा चुनाव के लिए अब एक साल ही बचा है और पूरे प्रदेश के एनपीएस कर्मी सोचने को विवश हैं कि किस राजनीतिक पार्टी का समर्थन करें, क्‍योंकि एनपीएस कर्मियों की पुरानी पेंशन के हक को एक बहुत बड़े राजनीतिक दल ने अनसुना कर दिया है। इतना ही नहीं सेवाकाल के दौरान मृत कर्मियों के परिवारों को भी पुरानी पेंशन नहीं दी। कुछ प्रसिद्ध नेता जो भारी भरकम वेतन लेते थे और सत्ता सुख छोड़ने के बाद कई निकायों से अभी भी पुरानी पेंशन ले रहे हैं। खुद कहने को मजबूर हैं कि जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली पेंशन बहुत ज्यादा है और उन्हें छोड़ देनी चाहिए, लेकिन यह कहने में संकोच करते हैं कि पुरानी पेंशन नेताओं का नहीं कर्मचारियों का हक है और उन्हें यह हक वापस किया जाए। इतना भी नहीं कह पाते कि रिटायर कर्मी 850 रुपये की पेंशन में गुजारा नहीं कर सकते जो उनके ही पैसे रखकर उन्हें दी जा रही है।

पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश चाहता है कि हर रिटायर कर्मी को वही पेंशन दी जाए जो नेता लोग अपना हक समझ कर ले रहे हैं। लेकिन बहुत बड़ा बहुमत लेकर आई सरकार ने एनपीएस कर्मियों की इस चाहत को पूरा नहीं किया। एनपीएस कर्मी वर्तमान सरकार से आस छोड़ चुके हैं और राजनेताओं द्वारा बनाए गए कर्मचारी विरोधी कानूनों का खुल कर विरोध कर रहे हैं।

सरकार ने एनपीएस कर्मियों का पैसा निजी हाथों में देकर यह बता दिया है कि कर्मचारी शोषण की वस्तु है और इनका शोषण इसी प्रकार होता रहेगा। संयुक्त मोर्चा ने सभी एनपीएस कर्मियों से आग्रह किया कि अगर शोषण से मुक्ति पानी है तो सभी एनपीएस कर्मी 14 अगस्त के दिन देश के महामहिम राष्ट्रपति को रजिस्टर पत्र के जरिये एनपीएस के तहत कट रहे फंड व रिटायरमेंट के बाद कर्मियों की बिन पेंशन हो रही दुर्गति की व्यथा लिखें, ताकि इस देश के महामहिम राष्ट्रपति को एनपीएस कर्मियों के साथ हो रहे अत्याचारों का पता चल सके।


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