अब एमबीबीएस के लिए डाक्टर बनना नहीं आसान, इंटरव्यू के लिए पहुंचे 17 गुणा ज्यादा उम्मीदवार, वाक-इन-इंटरव्यू पर रोक
हिमाचल प्रदेश में अब एमबीबीएस डिग्री धारकों के लिए भी सरकारी डाक्टर बनना आसान नहीं है। इस पेशे में भी ओवर डोज होने लगी है। इसका प्रमाण स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों के वाक-इन-इंटरव्यू के दौरान देखने को मिला। 24 पदों के लिए 405 यानी 17 गुणा ज्यादा उम्मीदवार पहुंचे।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा।
हिमाचल प्रदेश में अब एमबीबीएस डिग्री धारकों के लिए भी सरकारी डाक्टर बनना आसान नहीं है। इस पेशे में भी ओवर डोज होने लगी है। इसका प्रमाण स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों के वाक-इन-इंटरव्यू के दौरान देखने को मिला। कुल 24 पदों के लिए 405 यानी 17 गुणा ज्यादा उम्मीदवार पहुंच गए। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों के रिक्त पद न होने के कारण आगामी आदेश तक वाक-इन-इंटरव्यू पर रोक लगा दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने सात दिसंबर से वाक-इन-इंटरव्य शुरू किए और उसी दिन रिकार्ड 405 उम्मीदवार पहुंच गए। ऐसे में वाक-इन-इंटरव्यू स्थगित करने के आदेश जारी करने पड़े। अब 14 दिसंबर को केवल सात दिसंबर को आने वालों के ही साक्षात्कार हुए।
प्रदेश में हर साल तैयार हो रहे एक हजार डाक्टर
प्रदेश में हर साल सात मेडिकल कालेजों से एक हजार नए डाक्टर बन रहे हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों और विदेश से भी सैकड़ों युवा डिग्री कर आ रहे हैं। यही कारण है कि सरकारी क्षेत्र में अब बीएड और इंजीनियङ्क्षरग की डिग्री की तरह चिकित्सा की पढ़ाई करने वालों की संख्या अधिक हो गई है। इस क्षेत्र में भी अब विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग अधिक है। यही कारण है कि एमबीबीएस के लिए सरकारी डाक्टर बनना आसान नहीं है।
संख्या बढऩे पर हो सकती है अब लिखित परीक्षा
अब सरकारी क्षेत्र में डाक्टर के पदों को भरने के लिए लिखित परीक्षा करवानी पड़ सकती है। भर्ती के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार जिन पदों के लिए तीन गुणा अधिक उम्मीदवार हों, उसके लिए लिखित परीक्षा आवश्यक होती है। जब 17 गुणा उम्मीदवार पहुंचे है तो साक्षात्कार के आधार पर कैसे भर्ती हो सकेगी, इस पर भी सवाल है। इसी वर्ष अगस्त में स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के सभी पद भर जाने के कारण वाक-इन-इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी।
चीन, यूक्रेन व रूस से भी कर रहे डिग्री
चीन, यूक्रेन व रूस से हर वर्ष 100 से अधिक अधिक हिमाचली डिग्री कर लौट रहे हैं। इसके बाद उन्हें यहां डाक्टर बनने के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के पास पंजीकरण के लिए परीक्षा पास करनी पड़ती है।
चिकित्सकों के 24 पदों के लिए रखे गए वाक-इन-इंटरव्यू के लिए 405 उम्मीदवार आए थे। सात दिसंबर को देर रात तक साक्षात्कार के बाद 14 दिसंबर को शेष उम्मीदवारों के ही साक्षात्कार लिए गए। वाक-इन-इंटरव्यू स्थगित कर दिए गए हैं।
-अमिताभ अवस्थी, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण