अब जमीनी मामलों में इस्तेमाल होगी हिंदी, उपसमिति बनेगी; चाय बागानों के बेनामी सौदों का मांगा पूरा डाटा
जमीनी मामलों में प्रयोग की जा रही उर्दू की जगह हिंदी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए उप समिति के गठन का निर्देश दिया गया है।
शिमला, जेएनएन। जमीनी मामलों में प्रयोग की जा रही उर्दू की जगह हिंदी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए उप समिति के गठन का निर्देश दिया गया है। जीपीएस आधारित मापन और भू-लेख प्रबंधन के लिए भारत सरकार से प्रदेश को मिली राशि की रिपोर्ट तैयार करने भी निर्देश दिया। जमीन हस्तांतरण की शक्तियों का सरलीकरण किया जाए। ये निर्देश राजस्व विभाग जिम्मा संभालने के बाद मंगलवार को शिमला में अधिकारियों के साथ पहली बैठक में मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने दिए।
साथ ही निर्देश दिया कि चाय बागानों में कितनी रजिस्ट्री हुई है व कितने बेनामी सौदे किए गए हैं, उसकी पूरी सूचना तहसील वार उपलब्ध करवाई जाए। चाय बागानों को लेकर हुई रजिस्ट्री पर कई सवाल उठाए गए थे। प्रदेश में खानदारी हिस्सेदारी के वर्षो से चले आ रहे झगड़ों को अब समाप्त किया जाएगा। पनविद्युत परियोजनाएं लगाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को लीज पर दी गई जमीन और पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं के पास कितनी जमीन अतिरिक्त हैं, इसकी जानकारी मांगी है। उपायुक्त मंडी को निर्देश दिए कि बल्ह क्षेत्र में बनने वाले हवाई अड्डे पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मंत्री ने ग्राम पंचायतों व स्थानीय शहरी निकायों में 2001 से अभी तक पंजीकरण के तौर पर मिली राशि की जानकारी मांगी है। पुराने रिकॉर्ड के लिए रिटेंशन पॉलिसी तैयार की जाए, ताकि पुराने रिकॉर्ड से भरे पड़े कार्यालय को खाली किया जा सके।
भूमिहीनों को भूमि देने के लिए पटवार सर्कल से मांगा ब्यौरा
सभी पटवार सर्कलों से भूमिहीन या ऐसे परिवार जिनके पास मात्र एक बिसवा जमीन है व जमीन मकान बनाने योग्य नहीं है को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिसवा और शहरी क्षेत्र में दो बिसवा जमीन देने की जानकारी मांगी। विभिन्न विभागों के पास कितनी-कितनी जमीन पटवार सर्कलों में हैं और केंद्र सरकार के नाम कितनी जमीनें पटवार सर्कलों में हैं, इसकी रिपोर्ट भी एक माह में मांगी है।