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लक्षण या गंभीर रोग से पीडि़त का ही होगा कोरोना टेस्ट, क्वारंटाइन नियमों में नहीं बदलाव, नए निर्देश जारी

Himachal Coronavirus Update हिमाचल प्रदेश में अब कोरोना के लक्षण होने या फिर गंभीर रोग से पीडि़त मरीजों के ही कोरोना टेस्ट होंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 08:34 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 08:34 AM (IST)
लक्षण या गंभीर रोग से पीडि़त का ही होगा कोरोना टेस्ट, क्वारंटाइन नियमों में नहीं बदलाव, नए निर्देश जारी
लक्षण या गंभीर रोग से पीडि़त का ही होगा कोरोना टेस्ट, क्वारंटाइन नियमों में नहीं बदलाव, नए निर्देश जारी

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में अब कोरोना के लक्षण होने या फिर गंभीर रोग से पीडि़त मरीजों के ही कोरोना टेस्ट होंगे। इस संबंध में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और केंद्र सरकार पहले ही इस संबंध में निर्देश जारी कर चुके हैं। डिस्चार्ज पॉलिसी के लिए भी निर्देशों का पालन प्रदेश सरकार पालन करेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान ने कहा कि राज्य में दस दिन के बाद मरीजों का टेस्ट लेने के बाद ही डिस्चार्ज कर रहे थे। अब ऐसा नहीं होगा। कोरोना के लक्षण होने या गंभीर रोग होने पर तत्काल टेस्ट होगा। हालांकि क्वारंटाइन के नियम पहले की तरह ही रहेंगे। उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।

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कोरोना मरीजों के लिए पांच जगह बनेंगे अस्थायी अस्पताल

प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) कसौली की मदद से शिमला, टांडा, नालागढ़, ऊना और नाहन में पांच जगह अस्थायी अस्पताल बनेंगे। शुरू में ये अस्पताल 50 बिस्तर वाले होंगे। यहां कोरोना के मरीजों का इलाज होगा।

होटल-रेस्तरां में होगी पर्यटकों की थर्मल स्कैनिंग : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि अन्य राज्य से आने पर अब ई-पास की जरूरत नहीं होगी और पर्यटकों को बैरियर पर नहीं रोका जाएगा। पर्यटक जिस होटल या रेस्तरां में जाएंगे वहां थर्मल स्कैङ्क्षनग से गुजरना पड़ेगा। बुधवार को शिमला स्थित विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पर्यटन क्षेत्र को खोला गया है। अब पर्यटकों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाने की जरूरत नहीं है। नवरात्र में मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत रहेगी। उस दिशा में पहले से मंदिर प्रबंधन समितियों व जिला उपायुक्तों को सूचित कर दिया गया है।


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