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टाडा में अप्रैल से डायलिसिस बंद

जागरण संवाददाता, कागड़ा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डायलिसिस नहीं हो रहे

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Sep 2017 12:28 AM (IST)Updated: Fri, 08 Sep 2017 12:28 AM (IST)
टाडा में अप्रैल से डायलिसिस बंद
टाडा में अप्रैल से डायलिसिस बंद

जागरण संवाददाता, कागड़ा :

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डायलिसिस नहीं हो रहे हैं। प्रदेश के दूसरे बड़े स्वास्थ्य संस्थान की हालत यह है कि डॉक्टरों के तबादले हो जाने से डायलिसिस यूनिट बंद पड़ी है। इस कारण मरीज व तीमारदारों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जो डायलिसिस टाडा अस्पताल में महज पाच सौ रुपये में हो सकता है, उसके लिए निजी अस्पतालों में तीन हजार पांच सौ रुपये तक देने पड़ रहे हैं। चार माह से किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए अतिरिक्त पैसा खर्चना पड़ रहा है। मेंटेनेस डायलिसिस करवाने वाले किडनी रोगियों को सप्ताह में दो से तीन बार डायलिसिस करवाना ही पड़ता है, जबकि आपात स्थिति में भी मरीज अस्पताल में डायलिसिस के लिए पहुंचते थे। अभी भी इस विभाग को चलाने के लिए खास प्रयास नहीं हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार टाडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नेफरोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय जरयाल का तबादला हो गया था। उसी वक्तयहा विभाग के बंद होने की चिंता शुरू हो गई थी। तमाम प्रयास के बावजूद जब डॉ. जरयाल का तबादला नहीं रुका तो टाडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अपने दम पर मेडिसन विभाग के एमडी डॉ पंकज गुप्ता को डायलिसिस की ट्रेनिंग करवाई। डॉ. पंकज ने सेवाएं देना शुरू किया, लेकिन उनका तबादला भी मंडी कर दिया गया। इस कारण अप्रैल माह के बाद से यहा कोई भी डायलिसिस नहीं हुआ है। इस विभाग को चलाने के लिए सहयोग दे रहे एक तकनीशियन व दो स्टाफ नर्सो को भी अस्पताल के अन्य विभागों में लगाया गया है।

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नेफरोलॉजी के डॉक्टर का तबादला पहले ही हो गया था। जिस डॉक्टर को अस्तपाल ने ट्रेनिंग करवाई थी, उसका भी तबादला हो चुका है। ऐसे में डायलिसिस नहीं हो रहे हैं। जैसे ही नेफरोलॉजी का कोई डॉक्टर आएगा तो यहा डायलिसिस फिर से शुरू कर दिए जाएंगे।

डॉ. दिपाली शर्मा

कार्यकारी अधिकारी

टाडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल

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टाडा अस्पताल सीसीयू व आइसीयू में नहीं चलते एसी

जागरण संवाददाता, कागड़ा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल का सबसे महत्वपूर्ण यूनिट सीसीयू व आइसीयू सुविधाओं से महरूम है। यहा पर उन मरीजों को रखा जाता है, जिन्हें ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है। यहा पर एसी न चलने के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। एसी खराब होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यहा पर पंखे लगाए गए हैं। समस्या के संबंध में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ दिन पहले ही एसी मरम्मत करने के दावे किए गए थे, लेकिन आइसीयू व सीसीयू में चल रहे पंखे इसकी पोल खोल रहे हैं। पंखे के साथ समस्या यह है कि कुछ मरीजों को पंखे चाहिए तो कुछ को नहीं।इस सबंध में कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल दीपाली शर्मा ने कहा कि अस्पताल के खराब एसी व अन्य मरम्मत का कार्य लोक निर्माण विभाग देख रहा है। इस बारे में पहले के चिकित्सा अधीक्षक ने ही लोनिवि के अधिशाषी अभियंता से बातचीत कर उन्हें एसी की मरम्मत को कहा था। लोनिवि को जल्द ही इन्हें ठीक करने के लिए कहा जाएगा।


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