प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल टांडा में नहीं सीटी स्कैन, कोविड काल में नहीं मिल रही सुविधा
Tanda Hospital दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल। चार जिलों के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस पर निर्भर हैं। कोरोना काल में जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। कागड़ा ही नहीं चंबा ऊना व हमीरपुर जिलों के गंभीर मरीज भी डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टाडा पर ही निर्भर हैं।
टांडा, जागरण संवाददाता। प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल। हिमाचल के चार जिलों के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस पर निर्भर हैं। कोरोना काल में जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। कागड़ा ही नहीं चंबा, ऊना व हमीरपुर जिलों के गंभीर मरीज भी डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टाडा पर ही निर्भर हैं। लेकिन यहा भी सीटी स्कैन जैसे टेस्ट के लिए भी मरीजों को निजी अस्पतालों की ही दौड़ लगानी पड़ती है। टाडा मेडिकल कॉलेज की सीटी स्कैन मशीन खराब है। गरीब मरीजों को 1320 रुपये के सीटी स्कैन के लिए 9500 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं।
यह पहला मौका नहीं है कि टाडा मेडिकल कॉलेज की मशीन खराब हुई है। अक्सर मशीन खराब हो जाती है। इस बार 15 या 20 दिन नहीं करीब पाच माह से मशीन खराब है। विडंबना तो यह है कि सरकार ने जिस कंपनी से प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग के उपकरणों को ठीक करने का अनुबंध किया है उसने हाथ खड़े कर दिए हैं। मशीन काफी पुरानी होने के कारण मरम्मत पर ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है। इसके बाद मशीन को ठीक करवाने के लिए ओपन टेंडर किया गया। तीन बार टेंडर के बावजूद एक ही फर्म ने मशीन ठीक करने के लिए हामी भरी है।
करीब छह लाख से अधिक खर्च बताया गया है। संबंधित फर्म का इंजीनियर मशीन की हालत भी देख गया है, परंतु अभी तक मरम्मत के लिए उसे हरी झडी नहीं मिल पाई है। सीटी स्कैन न होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। कई बार गंभीर हालत में मरीजों को सीटी स्कैन करवाने के लिए एंबुलेंस या टैक्सी से निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। वहा उनसे टाडा से कई गुना अधिक दाम वसूले जाते हैं। टैक्सी का किराया अलग से वहन करना पड़ता है। कोरोना काल में परेशानी और बढ़ गई है।
विधायक प्राथमिकता में शामिल नई मशीन
टांडा मेडिकल कॉलेज में नई सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए नगरोटा बगवा के विधायक अरुण मेहरा ने प्राथमिकता में शामिल किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी बजट में नई सीटी स्कैन मशीन टाडा मेडिकल कॉलेज में लगाने की घोषणा की थी। इसके बावजूद न तो नई मशीन लग पाई और न ही पुरानी की मरम्मत हो रही है।
रेडियोथैरेपी विभाग में भी है एक सीटी स्कैन मशीन
सीटी स्कैन के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज में मरीज परेशान हो रहे हैं। उन्हें निजी अस्पतालों का मुंह ताकना पड़ रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन सुपरस्पेश्येलिटी ब्लॉक के रेडियोथैरेपी विभाग में स्थापित सीटी स्कैन को इस्तेमाल ही नहीं कर रहा है। उससे सिर्फ कैंसर रोगियों के ही सीटी किए जाते हैं। यह मशीन 128 स्लाइस की है। आपात स्थिति में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बावजूद गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।
मुझे ज्यादा जानकारी नहीं : एमएस
चिकित्सा अधीक्षक टांडा मेडिकल कॉलेज डा. सुशील शर्मा का कहना है मुझे सीटी स्कैन मशीन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इतना पता है कि मौजूदा मशीन बहुत पुरानी हो चुकी है। इस संबंध में हाल ही में विभागाध्यक्ष से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि नई मशीन के संबंध में औपरिकताएं पूरी कर कागजात सरकार को भेजे हैं। इस संबंध में ज्यादा जानकारी प्राचार्य डा. भानू अवस्थी ही दे सकते हैं।
एक माह में नई मशीन लगाई जाएगी : विधायक
नगरोटा बगवां के विधायक अरुण कुमार मेहरा का कहना है टांडा मेडिकल कॉलेज में नई सीटी स्कैन मशीन लगाने को मैंने विधायक प्राथमिकता में शामिल किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में भी टांडा के लिए नई सीटी स्कैन मशीन की घोषणा की है। सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। एक माह के भीतर नई सीटी स्कैन मशीन लग जाएगी।
टांडा में सीटी स्कैन के दाम
- सीटी स्कैन सभी तरह के, 1320 रुपये
- सीटी स्कैन हेड प्लेन, 880 रुपये
- सीटी स्कैन हेड कंट्रास्ट, 1110 रुपये