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नाइट कर्फ्यू ने सिफर किया धर्मशाला में होटल कारोबार, वीकेंड पर बंद से भी नुकसान, जानिए क्‍या कहते हैं व्‍यवसायी

Himachal Tourism धर्मशाला में होटलों की बुकिंग सिफर हो गई है। पहले 15 से 20 फीसद तक जा पहुंची बुकिंग नाइट कर्फ्यू व रविवार को बंद के कारण सिफर हो गई है। रही सही कसर वीकेंड पर रविवार को बंद ने पूरी कर दी है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 10:02 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 10:02 AM (IST)
नाइट कर्फ्यू ने सिफर किया धर्मशाला में होटल कारोबार, वीकेंड पर बंद से भी नुकसान, जानिए क्‍या कहते हैं व्‍यवसायी
धर्मशाला में होटलों की बुकिंग सिफर हो गई है।

धर्मशाला, जेएनएन। धर्मशाला में होटलों की बुकिंग सिफर हो गई है। पहले 15 से 20 फीसद तक जा पहुंची बुकिंग नाइट कर्फ्यू व रविवार को बंद के कारण सिफर हो गई है। रही सही कसर वीकेंड पर रविवार को बंद ने पूरी कर दी है। एेसे में होटल व्यवसायी परेशान हैं। भारी भरकम कर्ज लेकर अपने होटलों का संचालन कर रहे होटल मालिकों को अास थी कि नबंबर से जनवरी तक कुछ काम निकलेगा तो ऋण का ब्याज देने लायक हो जाएंगे। लेकिन कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण हुई सख्‍ती ने सब चौपट कर दिया है।

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2000 होटल, रेस्तरां, ईटिंग प्वाइंट व ढाबों के संचालकों की रोटी का सवाल

दो हजार होटल, रेस्तरां, ईटिंग प्वाइंट व ढाबा संचालकों की रोटी का सवाल है। सभी परेशान हैं। होटल व्यवसायी, रेस्तरां, ईटिंग प्वाइंट तथा ढाबा संचालक अन्य राज्यों से अाने वाले पर्यटकों पर निर्भर रहते हैं। उनके अाने से ही यहां पर लोगों की कमाई हो पाती है अौर व्यवसाय चलता है।

राजनीतिक रैलियों व अायोजनों ने बढ़ाया कोरोना

होटल व्‍यवसायियों का कहना है राजनीतिक रैलियों व अायोजनों ने ही प्रदेश में कोरोना को विस्तार दिया है, जबकि इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन व सरकार के पास इंतजाम पूरे नहीं है। जिस वजह से बार-बार जनता को ही परेशान होना पड़ रहा है। जब शुरुअाती दौर था तो प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में था, जब से राजनीतिक कार्यक्रम शुरू हुए हैं तो कोरोना का दायरा बढ़ा है। इसके लिए अाम जनता व होटल व्यवसायी नहीं बल्कि राजनेता ही जिम्मेदार हैं।

नाइट कर्फ्यू या रविवार बंद से क्या होगा : बांबा

हिमाचल होटल अौर रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने कहा नाइट कर्फ्यू या रविवार बंद से क्या होगा, इससे कोरोना तो रुकेगा नहीं, बल्कि जो व्यवसाय 15 से 20 फीसदी तक जा पहुंचा था वह भी सिफर हो गया है। पहाड़ी क्षेत्र है यहां पर रात में तो वैसे ही लोग सफर कम करते हैं। अाठ बजे के बाद वैसे ही बाजार बंद हो जाते हैं। एेसे में नाइट कर्फ्यू का मतलब नहीं है। वहीं, जब नाइट कर्फ्यू की बात टूरिस्ट सुनते हैं तो वह अपनी बुकिंग कैंसल करवा लेते हैं। यही नहीं बीते दिनों लोगों के बीच में यह सूचना चली गई थी कि बाहर से अाने वाले टूरिस्ट को अपना कोरोना टेस्ट करवाकर अाना होगा, इसका भी होटल व्यवसायियों को कड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। एक दिन में ही प्रदेश के तमाम होटल खाली हो गए। समस्या के समाधान के लिए एसोसिएशन ने अधिकारियों से बातचीत करके इसकी क्लेरीफिकेशन डाली। लेकिन नुकसान तो होटल व्यवसायियों को ही भुगतना पड़ा।


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