नई ट्रांसपोर्ट पालिसी खोलेगी रोजगार के द्वार : राकेश वालिया
मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर की गई नई ट्रांसपोर्ट पालिसी जहां रोजगार के द्वार खोलेगी वहीं लोगों को बेहतर यातायात सुविधा भी सस्ते दामों पर मिलेगी। यह बात भाजयुमो के प्रवक्ता और स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारटी के सदस्य राकेश वालिया ने जारी बयान में कही।
मंडी, जागरण संवाददाता। मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर की गई नई ट्रांसपोर्ट पालिसी जहां रोजगार के द्वार खोलेगी, वहीं लोगों को बेहतर यातायात सुविधा भी सस्ते दामों पर मिलेगी। यह बात भाजयुमो के प्रवक्ता और स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारटी के सदस्य राकेश वालिया ने जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार हमेशा लोगों के हितों को ध्यान में रखकर ही काम करती।
उन्होंने कहा कि मंडी के कलस्टर विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय बनाने के लिए मंजूरी देकर विधान सभा में बिल पास होने के बाद मंडी जिला व आस पास के जिलों के विद्यार्थियों को लाभ होगा। साथ ही गत दिनों हुई जेसीसी की बैठक में सरकार ने जो अनुबंध का कार्यकाल तीन से घटाकर दो वर्ष किया है उससे भी प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को लाभ होगा। वालिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार बेहतर कार्य कर रही है तथा हाल ही में हुए सर्वे में भी प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र में देश भर में अव्वल आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई गई। साथ ही लोगों को राशन आदि भी उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजयुमो सरकार के कार्यों और आम लोगों तक पहुंचाएगी।
जेबीटी के पक्ष में सुप्रीमकोर्ट में गई सरकार तो होगा आंदोलन
मंडी, जागरण संवाददाता। जेबीटी बनाम बीएड केस में उच्च न्यायालय का फैसला बीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में आने के बाद अब अगर सरकार ने जेबीटी अभ्यर्थियों के पक्ष में उच्चतम न्यायालय में गई तो बीएड डिग्री धारक संगठन इसका जोरदार विरोध करेगा। संगठन के मंडी जिला के अध्यक्ष भूपिंद्र पाल ने कहा कि एनसीटीई के मानदंडों के अनुरूप 28 जून 2018 की अधिसूचना को प्रदेश सरकार आज तक लागू नहीं कर पाई है और इस संदर्भ में अब कोर्ट के आदेश पारित होने के बाद भी सरकार बीएड डिग्री धारकों के हकों के खिलाफ कदम उठाने जा रही है, जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बीएड डिग्री धारकों का मानना है कि हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते वक्त तमाम पहलुओं पर सुनवाई की है तथा रामशरण मौर्य वर्सेस स्टेट आफ यूपी केस में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुरूप ही फैसला बीएड डिग्री धारकों के पक्ष में सुनाया है।
इतना ही नहीं कोर्ट के आदेशों के बाद इसका जेबीटी डिग्री धारकों पर ज्यादा असर भी नहीं पड़ने वाला है क्योंकि फैसले में कहीं भी जेबीटी अभ्यर्थियों को प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने के लिए मना भी नहीं किया है। सरकार लगभग 2000 - 3000 जेबीटी टेट पास लोगों के हित के लिए अगर हजारों बीएड डिग्री धारकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जा रही है जिसका मुंह तोड़ जवाब संगठन आने वाले समय में देगा। वहीं बीएड डिग्रीधारकों लता शर्मा, रूपाली शर्मा, शेखर, रजनीश शर्मा, अंजना ठाकुर, रश्मि शर्मा, प्राेमिला, विजय, आशा सोनी, माया, कांता इत्यादि का कहना है कि सरकार को जब एनसीटीई की सब शर्तें मान्य है तो बीएड वाली शर्त क्यों मान्य नहीं।