Move to Jagran APP

सोलर ऊर्जा से चमकेगा नौणी विश्वविद्यालय, हर वर्ष होगी 50 लाख रुपये से अधिक की बचत

Nauni University Solan Solar Energy डाक्‍टर वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है। वर्ष 2022 में विश्वविद्यालय पूरी तरह सोलर ऊर्जा पर निर्भर बन जाएगा। इससे प्रत्येक वर्ष करीब 50 लाख रुपये से अधिक बिजली की बचत होगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 11:56 AM (IST)
सोलर ऊर्जा से चमकेगा नौणी विश्वविद्यालय, हर वर्ष होगी 50 लाख रुपये से अधिक की बचत
डाक्‍टर वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है।

सोलन, भूपेंद्र ठाकुर। Nauni University Solan Solar Energy, डाक्‍टर वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है। वर्ष 2022 में विश्वविद्यालय पूरी तरह सोलर ऊर्जा पर निर्भर बन जाएगा। इससे प्रत्येक वर्ष करीब 50 लाख रुपये से अधिक बिजली की बचत होगी। इसके अलावा करीब 500 किलो एलपीजी गैस भी  सोलर ऊर्जा के प्रयोग से बचेगी। नौणी विश्वविद्यालय में निजी कंपनी के सहयोग से 640 किलोवाट का सोलर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया है। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय के प्रमुख कार्यालयों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है। विद्युत बोर्ड की ओर से विश्वविद्यालय को औसतन पांच से सात लाख रुपये की बिजली आपूर्ति की जाती है।

loksabha election banner

सोलर प्लांट स्थापित होने के बाद बिल की राशि 50 प्रतिशथ तक कम होने की उम्मीद है। वर्ष 2022 में विश्वविद्यालय में कुछ सोलर प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि बिजली पर निर्भरता शून्य हो। इसके अलावा विश्वविद्यालय में 170 सोलर लाइट लगाई गई हैं। रात को विश्वविद्यालय का पूरा कैंपस लाइट से ही चमक रहा है। पानी को लिफ्ट करने के  लिए भी सोलर पंप लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय ने अपने बगीचे में करीब 100 छोटे व बड़े जल भंडारण  टैंक बनाए हैैं। इनसे पानी की लिफ्टिंग सोलर पंप से की जाती है। करीब 29 लाख रुपये से सोलर उर्जा से चलने वाले चार वाहन भी खरीदे हैं, ताकि प्रदूषण कम किया जा सके। विश्वविद्यालय के छात्रावास में रह रहे करीब 1500 छात्रों के लिए एलपीजी  गैस से भोजन बनाया जाता है। एलपीजी गैस की बचत के लिए सोलर स्टीमेंड बेस्ड कुकिंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 1.2 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फरवरी के पहले सप्ताह तक इसका कार्य पूरा हो जाएगा।

नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति परमिंद्र कौशल का कहना है इस वर्ष विश्वविद्यालय को पूरी तरह सोलर ऊर्जा पर निर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। विवि में सोलर उर्जा का अधिकतर प्रयोग किया जा रहा है। प्रयास किया जाएगा कि हाईड्रो प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली बिजली पर निर्भरता कम हो। इससे पैसे की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण भी होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.