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हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय में शिक्षा नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कल से

Education Policy Seminar हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। 22 एवं 23 फरवरी को केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर धर्मशाला एवं व्यास परिसर देहरा में होने वाली इस संगोष्ठी में कई जाने- माने शिक्षाविद एवं कुलपति सम्मिलित होंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 02:31 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 02:31 PM (IST)
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय में शिक्षा नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कल से
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा  है। भारतीय शिक्षण मंडल और नीति आयोग एवं हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 एवं  23 फरवरी को केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर, धर्मशाला एवं व्यास परिसर, देहरा में होने वाली इस संगोष्ठी में कई जाने- माने शिक्षाविद एवं कुलपति सम्मिलित होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श होने के साथ शिक्षकों में अभिप्रेरणा पैदा करना कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है। साथ ही शिक्षा में नवाचार विकसित करने एवं मातृभाषा के प्रयोग पर बल देना भी इस संगोष्ठी का अहम हिस्सा है।

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यहां बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जब से केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई है तब से लगातार देशभर में इस तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इस क्रम में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का यह पहला आयोजन है। इसमें शिक्षाविद शंकरानंद अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल एवं प्रोफेसर मोहन लाल छीपा, पूर्व कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल का उद्बोधन एवं मार्गदर्शन प्रतिभागियों को मिलेगा। 

शंकरानंद देश के जाने-माने शिक्षाविद हैं। वह इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स में उपाधि प्राप्त करने के उपरांत शिक्षा के उत्थान एवं प्रचार-प्रसार में अपना जीवन पूर्णतः समर्पित कर चुके हैं। प्रोफेसर मोहन लाल छीपा देश के एकमात्र ऐसे कुलपति हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में अभियांत्रिकी एवं चिकित्सा जैसे गूढ़ विषयों का पाठ्यक्रम  मातृभाषा हिन्दी में तैयार करवाकर शिक्षण प्रारंभ किया।

इस दो दिवसीय संगोष्ठी में सौ से अधिक प्रतिभागी अपना पंजीयन करवा चुके हैं। इस संगोष्ठी में कुल चार सत्र रखे गए हैं। उद्घाटन सत्र में हिमाचल प्रदेश के भी कई सम्माननीय समाजविद, शिक्षाविद  हिस्सा लेंगे। हिमाचल प्रदेश तकनीकी  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एस पी बंसल, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो कुलदीप चंद अग्निहोत्री की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।


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