Landslide in Kinnaur : किन्नौर के प्रवेश द्वार के समीप भारी चट्टानें गिरने से बाधित राष्ट्रीय राजमार्ग अब तक बहाल नहीं
जिला किन्नौर के प्रवेश द्वार के समीप मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे भारी चट्टानों के गिरने से एनएच-5 अब तक यातायात के लिए बहाल नहीं किया गया है। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
रिकांगपिओ, संवाद सहयोगी। जिला किन्नौर के प्रवेश द्वार के समीप मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे भारी चट्टानों के गिरने से एनएच-5 अब तक यातायात के लिए बहाल नहीं किया गया है। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
बाधित सड़क को बहाल करने के लिए सुबह से ही एनएच की मशीनरी व बीआरओ की टीम जुटी हुई है। मार्ग अवरुद्ध होने से लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान सेब बागवानों को सेब मंडियों में पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। वहीं लोग जान जोखिम में डालकर पैदल ही अवरुद्ध सड़क को पार कर रहे हैं। जहां कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। फिलहाल पहाड़ी के गिरने से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। बड़े-बड़े बोल्डर्स के गिरने से बाधित सड़क को बहाल करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं एनएच प्राधिकरण द्वारा बड़ी-बड़ी चट्टानों को ब्लास्ट कर तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है जबकि बोल्डर्स बड़े होने के कारण मार्ग बहाल करने में समय लग रहा है।
जिला किन्नौर में दो महीने के दौरान विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण भारी चट्टानों के गिरने का सिलसिला जारी है इससे सफर कर रहे यात्रियों में भी भय का माहौल बना रहता है। वहीं प्रशासन की ओर से भी अनावश्यक यात्रा करने से बचने के लिए लोगों से अपील की जा रही है, ताकि कोई बड़ा अनहोनी न हो। इससे पहले 25 जुलाई को सांगला के बटसेरी में नौ पर्यटक तो वहीं निगुलसरी के समीप भूस्खलन की चपेट में आने से 28 लोगों की मौत हो गई थी।
चौरा प्रवेश द्वार के समीप एनएच-5 पर भारी-भरकम चट्टानों के गिरने की वजह से यातायात बाधित हुआ है जिसे बहाल करने के लिए विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बुधवार देर शाम तक सड़क मार्ग बहाल करने की कोशिश की जा है जबकि सड़क बहाल होने की संभावना कम ही दिख रही है।
-केएल सुमन, अधिशाषी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग- 5