नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाने की पैरवी, नया वेतनमान भी मांगा
National Health Mission Employees हिमालय परिवार के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मोहन वशिष्ठ व प्रदेश प्रभारी हिमाचल पंजाब जम्मू-कश्मीर लेह लद्दाख ऋषि वालिया ने कहा एनएचएम कर्मचारियों को नियमित करने की कोई नीति नहीं बनी है। न ही उन्हें आठ सालों से नया वेतनमान दिया जा रहा है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। National Health Mission Employees, हिमालय परिवार के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मोहन वशिष्ठ व प्रदेश प्रभारी हिमाचल, पंजाब जम्मू-कश्मीर, लेह लद्दाख ऋषि वालिया ने कहा एनएचएम कर्मचारियों को नियमित करने की कोई नीति नहीं बनी है। न ही उन्हें आठ सालों से नया वेतनमान दिया जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि कर्मचारियों को नियमित किया जाए व नया वेतनमान दिया जाए। इससे सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया 30 जून को नेशनल हेल्थ मिशन की एग्जीक्यूटिव मीटिंग प्रतावित है। जिसमें सेवा अवधि के आधार पर वेतन वृद्धि का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि एनएचएम के कर्मचारी 22 वर्षों से पूरी निष्ठा से सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन उनके लिए कोई भी रेगुलर करने की पॉलिसी नहीं है। नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारियों को पिछले आठ वर्षों से कोई भी नया वेतनमान नहीं दिया गया था और कर्मचारी लगातार नए वेतनमान की मांग कर रहे हैं। कोरोना काल में भी समस्त कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कर्मचारी लगातार सरकार से रेगुलर पे स्केल की मांग कर रहे हैं।
कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल की मांग की पैरवी करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया कि 30 जून को प्रस्तावित एग्जीक्यूटिव मीटिंग में नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों का रेगुलर पे स्केल का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। न कि कोई और वेतन बढ़ोतरी का एजेंडा, ताकि आगे होने वाली गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में उस पर रेगुलर पे स्केल पर फाइनल निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों को मिशन के बजट से ही रेगुलर पे स्केल दिया जा सकता है। जिससे सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री कर्मचारी हितैषी हैं और वह कर्मचारियों की इस उचित मांग को पूरा वह जरूर पूरा करेंगे।