शिमला में जब लोग कांग्रेस के अलावा किसी को नहीं जानते थे उस समय पूरे जोश से प्रचार करते थे बरागटा
Narinder Bragta नरेंद्र बरागटा हमेशा ही हिमाचल की राजनीति में कांग्रेस की जमीन पर भाजपा की फसल बोने के लिए जाने जाएंगे। कांग्रेसी दिग्गजों से भरे ऊपरी शिमला में बरागटा ने न केवल खुद की सीट जीती बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भाजपा को उभरने में काफी मदद की।
शिमला, जागरण संवाददाता। Narinder Bragta Role in BJP, पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा हमेशा ही हिमाचल की राजनीति में कांग्रेस की जमीन पर भाजपा की फसल बोने के लिए जाने जाएंगे। कांग्रेसी दिग्गजों से भरे ऊपरी शिमला में बरागटा ने न केवल खुद की सीट जीती बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भाजपा को उभरने में काफी मदद की। 1998 में शिमला में चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक सफर यहां से ज्यादा आसान रहता, बरागटा इस बात तो जानते थे, इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के कहने पर पहाड़ में भाजपा को मजबूत करने के लिए जुब्बल कोटखाई में चुनाव लड़ने के तैयार हुए।
2003 में तो सफलता नहीं मिली, लेकिन 2007 में बरागटा ने कांग्रेस की परांपरागत सीट पर भाजपा को जीत दिलाई। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी जीत नसीब नहीं हो सकी। बरागटा शिमला जिले में वीरभद्र सिंह व विद्या स्टोक्स के अलावा ऐसे नेता होंते, जिन्होंने दो निर्वाचन हलकों से चुनाव जीता है। भाजपा से तो वे जिला के एकमात्र नेता ही है। इतना ही नहीं वे ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपना चुनावी हलका रोस्टर के चलते नहीं बल्कि पार्टी की मजबूती के लिए लड़ा हो। जिस समय बरागटा फील्ड में पार्टी का काम कर रहे थे उस समय तो भाजपा का नाम मानने के लिए ऊपरी शिमला में तैयार नहीं होते थे। इस दौर में भी वे भाजपा के लिए काम करते रहे।
वाजपेयी के कहने पर जुबब्ल कोटखाई से लड़ा था चुनाव
नरेंद्र बरागटा ने 1993 मे पहला चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर के खिलाफ लड़ा था। उस समय जब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, उन्होंने कहा कि शिमला ज्यादा सुरक्षित रहता, इस पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि आप चुनाव लड़ो, आपके लिए चुनाव प्रचार के लिए मैं खुद आउंगा। अपने इस वादे को पूरा करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जुब्बल कोटखाई में चुनावी रैली बरागटा के पक्ष में करने के लिए पहुंचे थे। जब भी काम से अलग राजनीति पर चर्चा होती तो अकसर बरागटा अपने पहले चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चुनावी रैली का जिक्र जरूर करते थे।