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जानिए किस तरह हिमाचल का किसान अमरूद और कीवी फलों से कमा रहा सालाना दस लाख रुपये तक

Nahan Farmer Pradeep Sharma लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हरिवंशराय बच्चन की यह पंक्तियां प्रदीप शर्मा पर स्‍टीक बैठती हैं। उनकी बीते पांच वर्षों की मेहनत आखिर रंग लाई है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 06:25 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 01:16 PM (IST)
जानिए किस तरह हिमाचल का किसान अमरूद और कीवी फलों से कमा रहा सालाना दस लाख रुपये तक
जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र की नेहली धीडा पंचायत के मोहरो गांव के प्रदीप शर्मा।

नाहन, राजन पुंडीर। लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हरिवंशराय बच्चन की यह पंक्तियां प्रदीप शर्मा पर स्‍टीक बैठती हैं। उनकी बीते पांच वर्षों की मेहनत आखिर रंग लाई है। अब ग्रामीण परिवेश के एक किसान का बेटा अपनी सफलता से दूसरों के लिए मिसाल बन गया है। हम बात कर रहे हैं। जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र की नेहली धीडा पंचायत के मोहरो गांव के प्रदीप शर्मा की। प्रदीप शर्मा ने अपने पिता स्वर्गीय पूर्व सूबेदार तुला राम शर्मा से प्रेरणा लेकर खेतीबाड़ी का कार्य आरंभ किया। इस खेतीबाड़ी के कार्य में उनकी पत्नी रीता देवी भी उनका साथ देती हैं। इस समय प्रदीप शर्मा ने लो हाइट में अमरूद, कीवी, ब्लैक ऐम्बर व पलम का बगीचा तैयार कर लिया है। जिससे प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आय प्राप्त कर रहे हैं।

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प्रदीप शर्मा ने बताया कि उनके क्षेत्र में काफी कोहरा पड़ता है। जिसके चलते कुछ साल पूर्व कोहरे ने उनका नींबू व आम का बगीचा पूरी तरह बर्बाद कर दिया था। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर अपने क्षेत्र तथा मौसम के अनुसार नया बगीचा तैयार करने की ठान ली और आज नया बगीचा तैयार कर लाखों रुपये की आमदनी का जरिया बना लिया है। प्रदीप शर्मा ने बताया कि उनके पिता भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद खेतीबाड़ी करते थे।

करीब पांच वर्ष पहले उन्होंने रूटीन की फसलों को छोड़कर बागवानी की तरफ अपना ध्यान दिया। जिसके बाद उन्होंने सघन खेती के तहत करीब 40 बीघा भूमि में कीवी, अमरूद, ब्लैक अम्‍बर व पलम के पौधे लगाए।  15 बीघा भूमि में 800 पौधे अमरूद के लगाए तथा तीन वर्ष के बाद गत वर्ष इन पौधों ने जो फल दिया। तो 300 कैरेट पहले ही वर्ष में फल आया। जिसमें कि इन्हें करीब 2 लाख रुपये की आय हुई। गत वर्ष अमरूद, कीवी, ब्लैक अंबर तथा लहसुन से उन्हें करीब 7 लाख रुपये की आय हुई। अमरूद में मुख्य रूप से सफेदा, हिसार व लाल अमरूद लगाया हुआ है। इसी तरह करीब 10 बीघा में ब्लैक अम्बर व पलम की वैरायटी लगाई हुई है, इसके 600 पौधे लगाए हुए हैं। गत वर्ष इनके सैंपल आए तथा इस वर्ष यह ब्लैक अम्बर और पलम भी फल देंगे।

इसके साथ ही लो हाइट होने के चलते अपने करीब 10 बीघा भूमि में कीवी की एलिसन प्रजाति के 100 पौधे लगाए हुए हैं। जिसमें 90 पौधे फीमेल तथा 10 पौधे मेल हैं। गत वर्ष कीवी का बगीचा 3 साल का हो गया तथा जिसने सैंपल के साथ अच्छा फल दिया। इस वर्ष कीवी से भी अच्छी आय होने की उम्‍मीद है।

नींबू के पौधों से की लाखों की कमाई

पिछले एक दशक तक नींबू के पौधे से लाखों रुपये की आय अर्जित की। मगर पिछले कुछ वर्षों में लगातार पाला और कोहरा पड़ने से नींबू का बगीचा खराब हो रहा था। जिसे काट कर इन्होंने वहां पर अब पलम का बगीचा लगा दिया है।

सरकार से मिली सहायता

प्रदीप शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत बागवानी विभाग द्वारा उन्हें 15 बीघे में अमरूद लगाने पर 45000 रुपये का अनुदान भी दिया गया। इसके साथ ही 10 बीघा में कीवी के एलियन पौधे का बगीचा तैयार करने पर तीन किस्तों में प्रदेश सरकार ने 80000 का अनुदान दिया।

बगीचे में पौधों के नीचे लहसुन की खेती

बगीचे में समय-समय पर लहसुन भी लगाते हैं। बगीचे के खेतों में जो खाली जगह रहती है, उसमें इस वर्ष 6 क्विंटल लहसुन लगाया है। गत वर्ष 3 लाख का लहसुन भी बेचा था। बगीचा तैयार करने के लिए अपनी दूसरी जमीन से 800 मीटर ग्राउट पानी को अपने खेतों तक पहुंचाया है। जिसके लिए 2 टैंकों का निर्माण किया है। एक टैंक 70 हजार लीटर का, तो दूसरा टैंक 12000 लीटर का है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सरकार ने इन्हें 94 हजार रुपए की अनुदान की राशि भी दी है। वही प्रदेश सरकार से गत वर्ष ड्रिप योजना के तहत अनुदान लिया था। इन्होंने कृषि विभाग में 11 हजार रुपये जमा कराए थे, जिसके बाद उन्हें  55 हजार रुपये की योजना अनुदान के रूप में मिली।

सोलर फेंसिंग भी करवाई

वहीं मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत प्रदीप शर्मा ने अपने खेतों के चारों तरफ 430 मीटर सोलर फेंसिंग भी लगाई है। जिस पर प्रदेश सरकार ने उन्हें 70 प्रतिशत का अनुदान दिया है। प्रदीप शर्मा ने बताया कि वह अपने बगीचे में केवल ऑर्गेनिक खाद गोबर का ही प्रयोग करते हैं। जिसके चलते उनका बगीचा पूरी तरह से ऑर्गेनिक फलों का उत्पादन करता है।

शुरू किया था डेयरी फार्म

प्रदीप शर्मा ने बताया कि एक दशक पहले तक इन्होंने अपने दूसरे गांव में डेयरी फार्म चलाया हुआ था। इस डेयरी फार्म में 27 गाय थी तथा बरसात के दिनों में इनका रास्ता बंद हो जाता था। जिससे चारे की बहुत दिक्कत हो जाती थी। जिसके बाद इन्होंने डेयरी फार्म बंद कर, अब सारा ध्यान बागवानी की तरफ लगा दिया है।

आसपास के लोगों को भी मिल रहा रोजगार

प्रदीप शर्मा का बेटा भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए कोचिंग ले रहा है तथा बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ती है। समय-समय पर जब बगीचे में काम ज्यादा होता है। तो वह आसपास के लोगों को रोजगार भी देते हैं। इसके साथ ही प्रदीप शर्मा ने बताया कि कृषि एवं बागवानी विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों से भी जब भी वह सहायता मांगते हैं। तो वह अपनी कर्मचारियों को भेजकर उन्हें बागवानी से संबंधित जानकारी तथा किस तरह से पौधों की प्रुनिग करनी है। यह सभी सहायता और जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाते हैं। प्रदीप शर्मा ने बताया कि इन दिनों वह ब्लैक अम्बर और पलम की प्रूनिंग कर रहे हैं।

दस लाख तक की आमदनी

प्रदीप शर्मा को उम्मीद है कि साल कीवी, ब्लैक अम्बर व अमरूद से 10 लाख से अधिक आमदनी प्राप्त कर लेंगे, क्योंकि अब उनका बगीचा फल देने के लिए तैयार हो चुका है। वहीं क्षेत्र के दूसरे किसानों ने भी अब प्रदीप शर्मा के बगीचे को देखकर कीवी, ब्लैक अम्बर व अमरूद के बगीचे लगाने शुरू कर दिए हैं।


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